Edited By meena, Updated: 11 Oct, 2025 01:33 PM

पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश का ग्वालियर जिला संविधान निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर और संविधान के मुख्य सलाहकार बी एन राव को लेकर दो गुटों में बंट गया है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के...
ग्वालियर (अंकुर जैन) : पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश का ग्वालियर जिला संविधान निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर और संविधान के मुख्य सलाहकार बी एन राव को लेकर दो गुटों में बंट गया है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के बीच धरने प्रदर्शन सोशल मीडिया पर जंग छिड़ने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने बी एन राव समर्थक और अंबेडकर समर्थक दलित संगठनों के बीच सुलह और सामजस्य करने का बीड़ा उठाया है। दलित संगठनों द्वारा शहर में 15 अक्टूबर को प्रदर्शन के ऐलान के बाद एक्शन में आए जिलाधीश रुचिका सिंह चौहान और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह की मौजूदगी में शांति समिति की बैठक ने शहर में किसी भी तरह का उपद्रव और हंगामा रोकने के लिए सर्व सहमति जताई है।
अंबेडकर पर विवादित टिप्पणी के बाद पुलिस प्रशासन ने एडवोकेट अनिल मिश्रा पर एफआईआर के बाद जहां एक और वकीलों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया, वही हिंदू महासभा ने भी इस बात का विरोध किया। वहीं दलित संगठन भी लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव है, जिसके बाद कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान ने जिले में बीएनएस की धारा 163 के तहत शहर में जुलूस धरने प्रदर्शन समेत सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया। बिना अनुमति किसी भी जुलूस धरने प्रदर्शन से शहर की शांति भंग होने की आशंका के चलते पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है। वहीं पूरे जिले में ग्वालियर पुलिस साइबर सेल द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ कंटेंट डालने वालों पर नजर रखी जा रही है। भड़काने वाली भाषा के पोस्टर बैनर कट आउट होर्डिंग फ्लैक्स पर भी बैन लगा दिया गया है।