शराबबंदी पर MP में दोहरी राजनीति ! आबकारी आयुक्त के आदेश ने उतारा शिवराज के चेहरे से मुखौटा

Edited By meena, Updated: 22 Jan, 2021 05:39 PM

dual politics in mp on prohibition

मुरैना जहरीली शराब पीने से एक साथ 24 लोगों की मौत हुई तो जैसे मध्य प्रदेश में भूचाल-सा आ गया हो। लोगों की चीख पुकार सरकार के कानों तक पहुंची तो शासन-प्रशासन गहरी नींद से जागा और शराबबंदी को लेकर बयान आने लगे। पहले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा...

भोपाल: मुरैना में जहरीली शराब पीने से एक साथ 24 लोगों की मौत हुई तो जैसे मध्य प्रदेश में भूचाल-सा आ गया हो। लोगों की चीख पुकार सरकार के कानों तक पहुंची तो शासन-प्रशासन गहरी नींद से जागा और शराबबंदी को लेकर बयान सामने आने लगे। पहले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया कि राज्य में नई शराब की दुकानें खोली जाएगी ताकि लोगों को अच्छी क्वालिटी की शराब पीने को मिले और लोग जहरीली शराब न खरीदें। साथ ही कहा कि शराबबंदी के बारे में इसलिए सोचा नहीं जा रहा क्योंकि शराब से राजस्व की पूर्ति होती है। इसके बाद सियासत गरमाई विपक्ष तो विपक्ष खुद भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने शराबबंदी की मांग की। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी नईं दुकाने खोलने से मना कर दिया। लेकिन हाल ही में मामला सामने आया है कि आबकारी आयुक्त राजीवचंद्र दुबे ने सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखकर नई दुकानें खोलने हेतू प्रस्ताव मंगवाए हैं। जिसका सीधा सीधा मतलब यह है कि सरकार शराब की नई दुकानें खोलना चाहती है।

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पर्दे के पीछे की कहानी...
शराबबंदी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की दोहरी राजनीति सामने आई है। एक तरफ तो उन्होंने नई दुकानें खोलने की बात से साफ मना कर दिया। तो दूसरी उनके फैसले की हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो आबकारी आयुक्त राजीवचंद्र दुबे का 21 जनवरी के सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखा है जिसमें लिखा गया है कि सरकार नई दुकानें खोलना चाहती हैं। पत्र में कलेक्टर्स से यहां तक कहा गया है कि आप नई दुकानें खोलने के लिए जो प्रस्ताव भिजवाएं, उनमें उन गांवों को अनिवार्य रूप से शामिल करें जिनकी आबादी पांच हजार है और वहां पहले से शराब दुकान नहीं है। हालांकि सियासी घमासान के बाद तुरंत ही इस आदेश को वापिस भी ले लिया गया। लेकिन वह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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सूत्रों का कहना है कि शासन स्तर पर वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इसी सिलसिले में आबकारी आयुक्त के कलेक्टरों को पत्र लिखकर नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव मांगे हैं। इससे साफ है कि सरकार नई शराब की दुकानें खोलने की तैयारी कर रही है। आयुक्त ने पत्र में कलेक्टरों से साफ तौर पर कहा है कि शहरी क्षेत्रों में कुल दुकानों की संख्या का न्यूनतम 20% तक नई शराब की दुकानें खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजें।

 

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