Edited By meena, Updated: 10 Oct, 2020 05:49 PM
यूपी का हाथरस कांड पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस गैंगरेप मामले में जबलपुर का कनेक्शन सामने आने के बाद मीडिया जगत में हड़कंप मच गया। बताया गया कि हाथरस गैंगरेप में मृतक की नकली भाभी बनकर परिवार को भड़काने वाली महिला मध्य प्रदेश के जबलपुर...
जबलपुर(विवेक तिवारी): यूपी का हाथरस कांड पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस गैंगरेप मामले में जबलपुर का कनेक्शन सामने आने के बाद मीडिया जगत में हड़कंप मच गया। बताया गया कि हाथरस गैंगरेप में मृतक की नकली भाभी बनकर परिवार को भड़काने वाली महिला मध्य प्रदेश के जबलपुर की है और घटना के बाद से ही अंडर ग्राउंड हो गई है। लेकिन सारे आरोपों को नकारते हुए और अफवाहों पर लगाम लगाते हुए आखिरकार महिला सामने आ गई। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के तौर पर काम करने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल आखिर कार मीडिया के सामने आई और अपनी चुप्पी तोड़ी और सच्चाई का खुलासा किया। वहीं मामले में अभी तक यूपी पुलिस ने या एसआईटी ने जबलपुर पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया है।
मीडिया से चर्चा दौरान डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने मीडिया में नक्सली कनेक्शन व पीड़िता की भाभी बनने के सारे आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे इंसानियत के नाते हाथरस पहुंची थी। वह हाथरस पीड़िता के परिवार की मदद करने के मकसद से गई थी। वहीं हाथरस गैंगरेप मामले में योगी सरकार की जांच पर भी सवाल खड़े करते हुए उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। महिला का दावा है कि एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट होने के नाते वे पीड़िता के इलाज से संबंधित दस्तावेज जांचना चाहती थी लेकिन उन्हें दस्तावेज देखने नहीं मिले हैं।
राजकुमारी बंसल ने खुद के नक्सलियों से संबंध होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए चुनौती दी है कि यदि उनके संबंध नक्सलियों से हैं तो जांच एजेंसियां इसे साबित करके दिखाएं। साथ ही राजकुमारी बंसल ने खुद के फोन टैपिंग होने का भी आरोप लगाते हुए बकायदा जबलपुर के साइबर सेल में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि हाथरस की घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया था लिहाजा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने व घटना की सच्चाई से रुबरु होने वह हाथरस पहुंची थी।
इधर डॉ. राजकुमारी बंसल के इस रवैये पर मेडिकल प्रशासन ने गंभीर रुख अख्तियार किया है, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पी के कसार ने एक शासकीय सेवक द्वारा इस तरह के आंदोलनों में शामिल होने को गंभीर कदाचरण माना है। उन्होंने कहा है कि डॉ राजकुमारी बंसल को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और शासन के नियमों के मुताबिक उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।