Edited By Vikas Tiwari, Updated: 09 Sep, 2025 07:11 PM

मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। भिंड निवासी और महज 10 हज़ार रुपए की नौकरी करने वाले रसोइये को इनकम टैक्स विभाग ने 46 करोड़ रुपए का नोटिस थमा दिया है। इस नोटिस के बाद पीड़ित ने ग्वालियर एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।
ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। भिंड निवासी और महज 10 हज़ार रुपए की नौकरी करने वाले रसोइये को इनकम टैक्स विभाग ने 46 करोड़ रुपए का नोटिस थमा दिया है। इस नोटिस के बाद पीड़ित ने ग्वालियर एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।

PF निकलवाने के बहाने दिया आधार-पैन
पीड़ित रविन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि वह 2019 से 2023 तक आगरा-ग्वालियर बायपास पर स्थित मेहरा टोल प्लाजा में मेस हेल्पर के रूप में काम करता था। वहीं बिहार निवासी शशिभूषण राय सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। उसने रविन्द्र से कहा कि उसका पीएफ बकाया है और वह उसे निकलवा देगा। छठवीं तक पढ़े रविन्द्र ने जानकारी के अभाव में अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड सुपरवाइजर को दे दिया। बाद में उसे दिल्ली ले जाकर पंजाब नेशनल बैंक में डिजिटल साइन कराए और फोटो खिंचवाए। शशिभूषण ने भरोसा दिलाया कि कुछ दिनों में उसका पीएफ खाते में आ जाएगा।
नोटिस से हक्का-बक्का हुआ रसोइया
साल 2023 में रविन्द्र ने टोल की नौकरी छोड़ दी और महाराष्ट्र की स्कोडा कंपनी में काम करने लगा। लेकिन अप्रैल 2025 में अचानक उसके घर इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आया। उसमें 46 करोड़ 18 लाख 32 हजार 916 रुपए का लेन-देन दिखाया गया। इसके बाद जुलाई 2025 में दूसरा नोटिस भी पहुंचा।
शौर्य इंटरनेशनल ट्रेडर्स के नाम से कंपनी
जांच में पता चला कि उसके नाम से ‘शौर्य इंटरनेशनल ट्रेडर्स’ नामक कंपनी रजिस्टर्ड है। जबकि रविन्द्र ने कभी कोई कंपनी नहीं खोली। इस धोखाधड़ी की शिकायत उसने साइबर सेल एसपी से की है। पीड़ित का कहना है कि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर करोड़ों की हेराफेरी की गई है। अब वह न्याय और कार्रवाई की उम्मीद में पुलिस प्रशासन के पास पहुंचा है।