Edited By Vikas kumar, Updated: 12 Mar, 2019 08:12 PM
विंध्य क्षेत्र में आने वाली सीधी लोकसभा सीट मध्यप्रदेश की अहम लोकसभा सीटों में से एक है। यह एक ऐसी सीट रही है जिस पर कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। यहां पर बीजेपी और कांग्रेस
सीधी: विंध्य क्षेत्र में आने वाली सीधी लोकसभा सीट मध्यप्रदेश की अहम लोकसभा सीटों में से एक है। यह एक ऐसी सीट रही है जिस पर कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बराबरी का ही मुकाबला रहा है। बीजेपी लगातार पिछले दो बार से यहां पर चुनाव जीतने में सफल रही है। ऐसे में बीजेपी की नजर 2019 के चुनाव में हैट्रिक लगाने की है तो वहीं कांग्रेस भी इस सीट में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।
सीधी लोकसभा सीट का इतिहास
मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्री के सीधी में पहला चुनाव 1962 में हुआ था। उस वक्त कांग्रेस के आनंद चंद्रा ने यहां से जीत हासिल की थी। 1962 से 1979 के उपचुनाव तक यह सीट सामान्य थी, लेकिन परिसीमन के बाद 1980 में यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दी गई। परिसीमन के बाद पहले चुनाव में कांग्रेस के मोतीलाल सिंह को जीत मिली। 1989 में यह सीट दोबार से सामान्य उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दी गई। जिसके बाद बीजेपी के जगन्नाथ सिंह को पहली बार यहां से जीत हासिल हुई। इसके बाद फिर वर्ष 1991 से 2004 तक यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के आरक्षित कर दी गई। लेकिन 2007 में यहां पर उपचुनाव होने के बाद इस सीट को फिर से सामान्य उम्मीदवार के लिए आऱक्षित कर दिया गया। उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार माणिक सिंह ने बीजेपी के कुंवर सिंह को हरा दिया।
कैसा रहा है सीधी का राजनीतिक समीकरण ?
सीधी की जनता ने बीजेपी और कांग्रेस को यहां पर बराबर मौका दिया है। हालांकि पिछले दो बार से लगातार इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है। कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर 2007 के उपचुनाव में जीत मिली थी। इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी को 6-6 बार जीत मिल चुकी है। सीधी लोकसभा में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं। विंध्य क्षेत्र की सीधी में भी बीजेपी का ही बोलबाला है क्योंकी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सरकार तो बना ली। लेकिन विंध्य क्षेत्र के सीधी लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों में कांग्रेस को महज 1 सीट पर ही जीत दर्ज हुई औऱ सात सीटें बीजेपी ने जीती। ऐसे में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में इस सीट को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम
वर्ष 2014 में मोदी लहर के समय में बीजेपी की रीति पाठक ने कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार को हराया था। रीति पाठक को 4,75,678 वोट मिले तो वहीं इंद्रजीत कुमार को 3,67,632 वोट मिले थे। वहीं बहुजन समाज पार्टी इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी। भाजपा प्रत्याशी रीति पाठक ने इस चुनाव में 1,08,046 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। इस चुनाव में रीति पाठक को 48.08% वोट, इंद्रजीत को 37.16% वोट और बीएसपी उम्मीदवार को 3.98% वोट मिले थे। 2011 की जनगणना के मुताबिक सीधी की जनसंख्या 2684271 है। यहां की 86.77 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 13.23 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। सीधी में 11.68 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 32.18 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 में सीधी लोकसभा सीट पर 17, 36, 050 मतदाता थे। इनमें से 8,20,350 महिला मतदाता और 9,15,700 पुरुष मतदाता थे। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 56.99 फीसदी मतदाता हुआ था।
लोकसभा उम्मीदवार
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राजनीतिक दल
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वोट
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वोट प्रतिशत
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रीति पाठक
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भाजपा
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4,75,678
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48.08%
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इंद्रजीत सिंह
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कांग्रेस
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3,67,632
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37.16%
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रमाशकंर शाहवाल
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बसपा
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39,387
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3.98%
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लोकसभा चुनाव 2009 का परिणाम
अगर हम बात करें लोकसभा चुनाव 2009 की तो यहां पर इस वर्ष बीजेपी ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के गोविंद प्रसाद ने कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार को हराया था। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार वीणा सिंह तीसरे स्थान पर थीं। गोविंद प्रसाद को 2,70,914 वोट मिले थे तो वहीं इंद्रजीत कुमार को 2,25174 वोट मिले थे। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी को 66,985 वोट इस सीट पर मिले थे।
लोकसभा उम्मीदवार
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राजनीतिक दल
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वोट
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वोट प्रतिशत
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गोविंद प्रसाद
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भाजपा
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2,70,914
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40.09%
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इंद्रजीत कुमार
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कांग्रेस
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2,25,174
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33.32%
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वीणा सिंह
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निर्दलीय उम्मीदवार
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66,985
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9.91%
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बता दें कि बीजेपी औऱ कांग्रेस ने इस सीट पर बराबरी का ही मुकाबला खेला है। दोनो पार्टियों को यहां पर 6-6 बार जीत दर्ज हुई है। जहां बीजेपी लगातार दो बार से इस सीट पर काबिज है तो वहीं कांग्रेस भी इस बार पूरी तैयारी के साथ इस सीट पर जीत दर्ज कर वापसी करना चाहती है।