Edited By meena, Updated: 21 Nov, 2020 12:47 PM
विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी शुरु हो गई है। इस हार के लिए अब पूर्व सीएम कमलनाथ का रुतबे का ग्राफ घटने लगा है। अब कांग्रेस पार्टी पूर्व सीएम कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने के मूड में...
भोपाल: विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी शुरु हो गई है। इस हार के लिए अब पूर्व सीएम कमलनाथ का रुतबे का ग्राफ घटने लगा है। अब कांग्रेस पार्टी पूर्व सीएम कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने के मूड में हैं। पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को एक पद छोड़ने का संदेश दिया है। इसका सीधा सीधा मतलब यह है कि कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में से किसी एक पद पर ही बने रह सकते हैं। इस बीच नेता प्रतिपक्ष पद के लिए एक नाम तेजी से भोपाल से लेकर दिल्ली तक के कांग्रेस गलियारों में उछल रहा है। यह नाम डॉक्टर विजय लक्ष्मी साधौ का है। डॉक्टर साधौ की दिल्ली में भी पकड़ मजबूत है।
उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से ही पार्टी हाईकमान प्रदेश में अपनी छवि सुधारने की कोशिश में हैं। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है। जबकि नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए कमलनाथ गुट से डॉ सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, बाला बच्चन और डॉ विजयलक्ष्मी साधौ का नाम फेहतरिस्त में शामिल हैं, जिसमें डॉ. साधौ का पलड़ा भारी है। क्योंकि साधौ एक अच्छी वक्ता है, शालीन है और नपी-तुली बयान बाजी करती है। डॉक्टर साधौ के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हामी भर दी है। वही यदि कांग्रेस विधायक दल की बात की जाय तो इसमें नेता प्रतिपक्ष के लिए सबसे मजबूत स्थिति डॉक्टर गोविंद सिंह की है।
वहीं कमलनाथ के गुट से विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी रेस में हैं, लेकिन उनकी विंदास बयानबाजी से पार्टी को असहज होना पड़ता है। यही वजह है कि दोनों नेताओं में सबसे विजय लक्ष्मी साधौ का नाम को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।