Edited By meena, Updated: 14 Oct, 2023 06:19 PM
आपने अक्सर देखा होगा कि जो कौआ साल भर आपके आस पास दिखते है पर जैसे ही श्राद्ध प्रारंभ होते है पितरों को भोजन देने के लिए कौआ को खोजने
दंतेवाड़ा(आज़ाद सक्सेना): आपने अक्सर देखा होगा कि जो कौआ साल भर आपके आस पास दिखते है पर जैसे ही श्राद्ध प्रारंभ होते है पितरों को भोजन देने के लिए कौआ को खोजने पर भी वो आसानी से नहीं मिलते। लेकिन जो लोग पशु पक्षियों से प्रेम करते है उनसे पशु पक्षी भी उतना ही प्रेम करते हैं। पित्र पक्ष में आंखों को सुकून देने वाला ऐसा ही वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जहां एनएमडीसी परियोजना क्षेत्र के डबल स्टोरी में रहने वाली इशिता ब्यूटी पार्लर की संचालक उषा साहू के हाथों से एक कौआ बिना डरे आराम से उनके दरवाजे पर बैठ कर निवाला खा रहा है। खास बात यह कि ये सिलसिला विगत 8 वर्षों से लगातार चल रहा है। कौआ रोज सुबह समय से उषा साहू के घर पहुंच जाता है और बड़े आराम से उनके हाथों से खाना खाता है।
जब से श्राद्ध पक्ष शुरू हुए है तब से उसके साथ 7 और कौए आते हैं और भोजन करके चले जाते है। आस पड़ोस के लोग उषा से मजाक करते हुए कहते हैं कि पहले कौआ अकेले खाना खाने आता था। अब अपने पूरे परिवार को साथ ले कर आने लगा है। पर वहां भी सिर्फ उषा साहू के यहां ही खाता है। दूसरे लोग अपने घर के बाहर भोजन रखते है लेकिन वह वहां से नहीं खाता। कौआ अच्छे से उषा को पहचानता है। उषा साहू मृदुभाषी धार्मिक पशु पक्षियों से प्रेम करने वाली नेक महिला है। हर धार्मिक अनुष्ठान में वो सबसे आगे रहे कर कार्य करती ही उनके पति हरिशंकर एनएमडीसी सिविल विभाग में कर्मचारी है और अपनी पत्नी का हर काम में सहियोग करते हैं।

पितृ पक्ष में कौआ को भोजन खिलाने का क्या महत्व है
इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से प्रारंभ हुए है जो 14 अक्टूबर यानी आज समाप्त होने हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में कौवे को भोजन कराने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कौवा यम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इस दौरान कौवे का होना पितरों के आस पास होने का संकेत माना जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में पूरे 15 दिन कौवे को भोजन करना चाहिए।
हिन्दू धर्म मे मान्यता यहां है कि श्राद्ध पक्ष में कौआ यदि आपके हाथों दिया गया भोजन ग्रहण कर ले तो ऐसा माना जाता है कि पित्रो की कृपा आपके ऊपर है आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न है। इसके विपरीत यदि कौआ भोजन करने नहीं आए तो यह माना जाता है कि पितर आपसे विमुख है या नाराज है।