Edited By Vikas Tiwari, Updated: 28 Sep, 2025 02:55 PM

उज्जैन के तोपखाना इलाके में शनिवार सुबह 'I Love Mohammad' पोस्टर लगाए जाने के बाद शहर में धार्मिक ध्रुवीकरण का माहौल बन गया है। इस पोस्टर के जवाब में नानाखेड़ा के शिव शक्ति गरबा मंच ने 'I Love Mahakal' के पोस्टर लहराए। लेकिन अब एक बार फिर गरबा समिति...
उज्जैन: उज्जैन के तोपखाना इलाके में शनिवार सुबह 'I Love Mohammad' पोस्टर लगाए जाने के बाद शहर में धार्मिक ध्रुवीकरण का माहौल बन गया है। इस पोस्टर के जवाब में नानाखेड़ा के शिव शक्ति गरबा मंच ने 'I Love Mahakal' के पोस्टर लहराए। लेकिन अब एक बार फिर गरबा समिति ने कहा है कि यह बाबा महाकाल की नगरी है, और यहां केवल 'We Love Mahakal' ही चलेगा। समिति के सदस्य बहादुर सिंह राठौर ने बताया कि हजारों की संख्या में आए लोगों ने जोश के साथ 'I Love Mahakal' के नारे लगाए और साफ कहा कि 'I Love Mohammad' वाले गरबे में प्रवेश न करें, उनकी यहां कोई जरूरत नहीं है।'
कानपुर से शुरू हुआ विवाद
'आई लव मोहम्मद' पोस्टर सबसे पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में चार सितंबर को नजर आया था। शहर के बावफात में बिना अनुमति निकाले गए जुलूस के दौरान यह पोस्टर दिखाई दिया। दूसरे समुदाय के लोगों ने इसे नई परंपरा बताकर विरोध किया, जिसके बाद पुलिस ने इसे हटवाया।
अब उज्जैन में इस पोस्टर का विरोध धार्मिक रंग लेने लगा है। शिव शक्ति गरबा मंच ने इसे लेकर स्पष्ट कर दिया कि गरबा में सिर्फ 36 करोड़ देवी-देवताओं के भक्त ही शामिल होंगे।