Edited By Himansh sharma, Updated: 19 Dec, 2025 12:38 PM

मध्य प्रदेश के इंदौर, राऊ सर्कल में कुछ महीने पहले ही खुले फ्लाईओवर की हालत देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि इसकी लागत 47 करोड़ रुपये थी।
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर, राऊ सर्कल में कुछ महीने पहले ही खुले फ्लाईओवर की हालत देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि इसकी लागत 47 करोड़ रुपये थी। सिर्फ 6 महीने में ही डामर उखड़ चुका था और फ्लाईओवर अब गड्ढों की सड़क बन गया है।
गाड़ियां मुश्किल में:
फ्लाईओवर पर चलते हुए वाहन मालिक डर के मारे रुकते हैं।
बीच-बीच में गहरे गड्ढे, जो सीधे हादसों का कारण बन रहे हैं।
पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें एक युवक की मौत हो चुकी है।
दोनों तरफ खस्ता हाल:
इंदौर से पीथमपुर महू की ओर जाने पर फ्लाईओवर की शुरुआत में ही डामर उखड़ चुका है।
बीच में छोटे और बड़े गड्ढे मौजूद हैं, जिन्हें पहले भरा गया था लेकिन फिर से उखड़ गया।
पीथमपुर महू से आने वाली दिशा में भी स्थिति इतनी बुरी है कि वाहन चालक रुक-रुक कर चलने को मजबूर हैं।
कांग्रेस ने की सीधी शिकायत:
कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मांग की है कि:
फ्लाईओवर पर हुए गड्ढों की निष्पक्ष जांच की जाए। निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
पृष्ठभूमि:
यह फ्लाईओवर NHAI ने 8 अप्रैल 2022 को रीवा की एक कंपनी को बनवाने का ठेका दिया था। उद्देश्य था राऊ सर्कल पर लगने वाले ट्रैफिक जाम और हादसों को कम करना, लेकिन घटिया निर्माण के चलते फ्लाईओवर अब खतरनाक साबित हो रहा है।
हकीकत:
महंगे फ्लाईओवर के सपने पर पानी फिर गया और इंदौर के लोग अब गड्ढों में फंसी जिंदगी जी रहे हैं। सड़क इतनी खराब कि कई वाहन मालिक रास्ता बदलने को मजबूर हैं। लोग सोशल मीडिया पर फ्लाईओवर की हालत की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर सरकार पर दबाव डाल रहे हैं।
कुल मिलाकर:
47 करोड़ की लागत वाला फ्लाईओवर अब सिस्टम और निर्माण की नाकामी की पहचान बन चुका है। क्या यह सिर्फ इंदौर की समस्या है, या पूरे देश में ऐसे घटिया निर्माण प्रोजेक्ट्स आम हो रहे हैं? कांग्रेस और नागरिकों की मांग है कि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसे हादसे रोके जाएं।