Edited By Vikas Tiwari, Updated: 05 Dec, 2025 07:53 PM

मध्य प्रदेश में जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैथोलॉजी सेवाएं देने वाली निजी कंपनी साइंस हाउस एक बार फिर विवादों में आ गई है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर...
भोपाल (इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश में जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैथोलॉजी सेवाएं देने वाली निजी कंपनी साइंस हाउस एक बार फिर विवादों में आ गई है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कंपनी और स्वास्थ्य विभाग पर बड़े घोटाले के आरोप लगाए हैं। विधानसभा में पूछे गए सवाल पर स्वास्थ्य विभाग ने 68 हजार पत्रों में जवाब सौंपा, जिसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
3 साल 11 महीने में 12.84 करोड़ जांचें!
कांग्रेस के अनुसार, कंपनी साइंस हाउस ने 3 साल 11 महीने में 12 करोड़ 84 लाख 32 हजार 216 जांचें कर डालीं। इसके एवज में स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी को 943 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
दो कंपनियों के नाम से ऑपरेशन
कांग्रेस ने दावा किया कि कंपनी दो नामों से काम कर रही है। पहली POCT Science House Pvt. Ltd. (Wetlease Reagent Rental) और दूसरी Science House Pvt. Ltd. (Hub & Spoke Model).. दोनों फर्मों ने अलग-अलग रेट तय किए और सरकार से भुगतान वसूला।
25% ज्यादा वसूली – कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि कंपनी ने सामान्य रेट से 25% ज्यादा रकम ली। एनएबीएल सर्टिफाइड रेट से ऊपर पैसा वसूला। कई जांचों पर GST वसूला, जबकि ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, एक्स-रे, MRI, CT स्कैन जैसी हेल्थकेयर सर्विसेज GST-मुक्त हैं।
नए टेंडर से बचकर दिया गया एक्सटेंशन?
कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि टेंडर की 5 साल की अवधि पूरी होने के बावजूद नई निविदा जारी नहीं की गई, बल्कि कंपनी को एक साल का एक्सटेंशन दे दिया गया। कांग्रेस का दावा है कि ‘पूरे सिस्टम में बड़े खेल की बू आ रही है। पत्रकार वार्ता में जयवर्धन सिंह ने कहा कि आयकर छापों के दौरान साइंस हाउस का नाम सामने आया था और अब विधानसभा के दस्तावेज़ों में भी कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हो गई हैं।