Edited By suman, Updated: 17 Sep, 2018 11:38 AM
भगवॉ के शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की लापरवारी की एक बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल में स्टाफ न होने से मजबूरी में प्रसूता की सास को उसका प्रसव करवाना पड़ा। इस लापरवाही की सूचना मिलने पर बीएमओ व तहसीलदार ने अस्पताल का निरीक्षण किया...
छतरपुर : भगवॉ के शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की लापरवारी की एक बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल में स्टाफ न होने से मजबूरी में प्रसूता की सास को उसका प्रसव करवाना पड़ा। इस लापरवाही की सूचना मिलने पर बीएमओ व तहसीलदार ने अस्पताल का निरीक्षण किया है, जांच रिपोर्ट कलेक्टर को दी जाएगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवां में 3 डॉक्टर और करीब 12 कर्मचारियो का स्टाफ पदस्थ है, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में एक भी कर्मचारी जिम्मेदारी से डयूटी नहीं करता है।
यह सच्वाई तब सामने आ गई जब ग्राम उदन्ना निवासी आदिवासी महिला रामदेवी पत्नी हरप्रसाद आदिवासी को प्रसव पीड़ा होने पर 108 पर कॉल किया, तो बताया गया कि उदन्ना गांव के लिए रास्ता ठीक न होने से 108 वाहन वहां नहीं पहुच सकेगा। ऐसे में परिजन रामदेवी को लेकर सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवॉं पहुचे। वहां अस्पताल का एक भी कर्मचारी नहीं मिला न कोई डाक्टर था। इधर प्रसूता रामदेवी दर्द में तड़प रही थी। कुछ ही देर बाद जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसके साथ आई सास व बुआ सास ने उसका प्रसव कराया। रामदेवी ने एक स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया। इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है जिसकी जांच की मांग की गई है।