Edited By Himansh sharma, Updated: 09 Feb, 2025 03:52 PM
नीमच। (मूलचंद खींची): नीम की पत्ती, गुलाब के सूखे पत्ते, संतरे के छिलके, बबूल की फली,कंटीले भटकटैया सहित ऐसे कई पत्ते,फूल और बीज हैं, जिसे आपने कहीं न कहीं देखे होंगे। देश में नीमच मंडी एक ऐसी पहली मंडी है, जहां पर सभी बिकते हैं। औषधीय फसलें, पत्ते,बीज, फल बेचने के लिए गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित कई प्रदेशों के किसान आते है, नीमच के स्थानीय व्यापारी इन्हें साफ कर विदेशों में सप्लाई करते हैं। करीब 65 से अधिक औषधीय फसलें,पेड़ के पत्ती—बीजों की खरीद—फरोख्त के लिए बकायदा बोली लगती है। पांच सौ रूपए से लेकर दो लाख रूपए तक के भाव मिलते है। वर्तमान में 2500 से 3000 बोरी की आवक हो रही है और यही आवक अप्रैल के बाद दो गुना हो जाती है। नीमच की कृषि उपज मंडी ने अनूठे फल, पौधे और पत्ती की नीलामी किए जाने को लेकर देश में अलग ही पहचान बना ली है।
हजारों किलोमीटर दूर से किसान औषधीय फसलों को बेचने के लिए आते हैं, क्योंकि व्यापारी सार्वजनिक बोली लगाते है, इस लिहाज से उन्हें अच्छे दाम भी मिलते है। देश में और कहीं पर भी औषधीय मंडी में बोली लगाकर खरीदी नहीं होती है। यूं कहें की आम के आम और गुठलियों के भी दाम नीमच की मंडी में किसानों को मिलता है, इसी लिहाज से नीमच की मंडी अलग ही पहचान देश में बना ली है और किसान खींचे चले आते है।
ये फूल—पत्ते और जड़ी बुटियां होती है नीलाम—
अमरबेल, नागरमोथा, मोरिंगा के ठंडल, पत्ती आंखडे के फूल, चिक्की फली, शिशम के पत्ते, अश्वगंधा की जड, बेल के फल, छिलके, अकरकरा की जड, गिलोई,नागरमोथा,गुडमार पंचांग,पवाड के बीज,लिपटिस की पत्ती, हिंगोट, गेंदे के सूखे फूल,अमरूद पत्ती,महुआ बीज, जामफल की पत्ती, भटकटैया कांटे, निंबोली, बेल पत्र सूखे, गुलर की सूखी पत्ती,गोखरू,सफेद मूसली,धतूरे के फूल,लाल चिरमी,लेमनग्रास,बाबची बीज,काली जीरी,भरूट,गुलाब की सूखी पत्ती, सूखे करेले, टेसूफूल, कंटीली सहित 65 प्रकार की औषधीय फसलें बिकने के लिए आती है।
मंडी में सभी प्रकार के पत्ते बिकते है
नीमच मंडी देश की ऐसी एकमात्र मंडी है, जहां पर सूखे पत्ते, फल,फूल सभी बिकते हैं। वर्तमान में 65 प्रकार की औषधीय फसलें नीमच में आती हैं। व्यापारी मंडी से खरीदकर माल को विदेशों में एक्सपोर्ट भी करते है। कई ऐसी फसलें है, जिनकी दवाईयां भी बनती है।