इंदौर में संचालित है 500 टन प्रतिदिन क्षमता का आधुनिक सीएनजी प्लांट

Edited By Himansh sharma, Updated: 09 Apr, 2025 05:37 PM

a modern cng plant of 500 tonnes per day capacity is operational in indore

प्रदेश में नगरीय निकायों में कचरा संग्रहण, परिवहन एवं प्र-संस्करण सुविधाओं के विकास के लिये नगरीय निकायों को अनुदान दिया जा रहा है..

भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकायों में कचरा संग्रहण, परिवहन एवं प्र-संस्करण सुविधाओं के विकास के लिये नगरीय निकायों को अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने प्रदेश के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिये 5 हजार 914 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है।  

PunjabKesari360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज

प्रदेश के 405 नगरीय निकायों में कम्पोस्टिंग इकाइयों के माध्यम से गीले कचरे का और 360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज के माध्यम से सूखे कचरे का प्र-संस्करण किया जा रहा है। इंदौर में गोबरधन बॉयो सीएनजी प्लांट इकाई के माध्यम से 500 टन प्रतिदिन क्षमता का अत्याधुनिक प्लांट संचालित किया जा रहा है। इंदौर के प्लांट से वेस्ट-टू-वेल्थ तथा सर्कुलर इकॉनामी की परिकल्पना साकार हुई है। इंदौर के प्लांट से सीएनजी के अलावा प्रतिदिन 100 टन उच्च गुणवत्ता की खाद भी तैयार की जा रही है। इसका उपयोग इंदौर शहर के आस-पास स्थानीय खेतों में किया जा रहा है। इससे खेतों में रासायनिक उर्वरकों की जरूरत कम हुई है। 

नगरीय निकायों में स्थित लीगेसी वेस्ट का निपटान की कार्य योजना नगरीय विकास विभाग ने तैयार की है। अगले 3 वर्षों में यह कार्य शत-प्रतिशत किये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेश में अब तक 50 स्थानीय निकायों के शत-प्रतिशत लीगेसी वेस्ट अपशिष्ट का प्र-संस्करण कार्य पूर्ण कर दिया गया है। द्वितीय चरण में 108 नगरीय निकायों में लीगेसी अपशिष्ट के प्र-संस्करण का कार्य विभिन्न चरणों में प्रक्रियाधीन है।

PunjabKesariस्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0

प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के अंतर्गत सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिये आगामी 5 वर्षों में 4 हजार 914 करोड़ रूपये की योजनाओं की स्वीकृति भी प्राप्त की जा चुकी है।

इस कार्य के लिये नगरीय विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये करीब 473 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। निकायों की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना लागत 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिये 50 प्रतिशत, एक से 10 लाख की जनसंख्या के लिये 66 प्रतिशत तथा एक लाख से कम जनसंख्या वाले निकायों के लिये 90 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा दी जा रही है। शेष राशि निकाय अंशदान और जन निजी भागीदारी का अंशदान होता है। निकायों में दैनिक आधार पर उत्सर्जित होने वाले कचरे का निपटान निर्धारित प्रक्रिया और मानदंडों के आधार पर किया जाता है।

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