छत्तीसगढ़: आरक्षण के कारण अटकी 300 नर्सों की नियुक्ति, दैनिक वेतन भोगी के रूप में करेंगी आक्रोश...

Edited By meena, Updated: 30 Nov, 2022 05:56 PM

appointment of 300 nurses stuck due to reservation

छत्तीसगढ़ में आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बन गया है जिसके कारण प्रदेश की तमाम नौकरियां खतरे में आ गई है इसको लेकर युवाओं में काफी आक्रोश भी है और कई ऐसी नौकरियां हैं जो आरक्षण के कारण भर्ती नहीं हो पा रही है...

रायपुर(सत्येंद्र शर्मा): छत्तीसगढ़ में आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बन गया है जिसके कारण प्रदेश की तमाम नौकरियां खतरे में आ गई है इसको लेकर युवाओं में काफी आक्रोश भी है और कई ऐसी नौकरियां हैं जो आरक्षण के कारण भर्ती नहीं हो पा रही है ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े हॉस्पिटल अंबेडकर हॉस्पिटल में है 300 नर्सों की नियमित भर्ती आरक्षण की वजह से अटक गई है इसलिए अब नए सिरे से इसकी भर्ती की कवायद की जा रही है अस्पताल प्रशासन ने फैसला किया है कि अब अंबेडकर अस्पताल में 300 नर्सों की भर्ती दैनिक वेतन भोगी के रूप में की जाएगी यह भर्ती प्लेसमेंट एजेंसी से की जाएगी इन्हें कलेक्टर दर पर कुशल श्रमिक का वेतन दिया जाएगा करीब 13 हजार महीना सैलरी इन्हें मिलेगी इसके लिए सोमवार को टेंडर फार्म की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल में करीब 300 नर्स ही  ड्यूटी कर रही है इसमें नियमित और संविदा दोनों शामिल है प्रबंधन का कहना है कि नर्सों पर काम का काफी दबाव है नियमित भर्ती में देरी हो रही है इसलिए दैनिक वेतन भोगी की तरह भर्ती की जा रही है नियमित और संविदा भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन करना पड़ता है लेकिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में आरक्षण रोस्टर का पालन जरूरी नहीं है प्लेसमेंट एजेंसी 26 दिसंबर तक टेंडर ऑनलाइन जमा कर सकती है।

एसीआई और नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती अटकी

रायपुर के नेहरू मेडिकल कॉलेज एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में आरक्षण के कारण भर्ती अटकी हुई है। मेडिकल कॉलेज में हाल ही में डॉक्टरों के 63 पदों पर भर्ती के लिए walk-in-interview को भी रद्द कर दिया गया। वहां  एसीआई के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में 137 पदों पर भी भर्ती अटकी है। आरक्षण से पहले इस भर्ती के लिए शासन से मंजूरी मिल चुकी है। हर माह होने वाले वाक् इन को अचानक इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि इसमें प्रमोशन के पद पर एसोसिएट प्रोफेसर की भी भर्ती होनी थी। विवाद से बचने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने यह फैसला लिया कि एसीआई में असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर कार्डियक एनेस्थेटिक कार्डियक सर्जन परफ्यूशनिस्ट फिजीशियन असिस्टेंट नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ के विभिन्न पद शामिल हैं।

अंबेडकर हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ एसबीएस नेताम ने बताया कि नियमित और संविदा भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन अनिवार्य है। अस्पताल में नर्सों की कमी है। इसलिए एजेंसी से उसकी भर्ती की जा रही है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को तमाम सुविधाएं दी जा सके क्योंकि छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा हॉस्पिटल अंबेडकर हॉस्पिटल है इसलिए यह फैसला लिया गया है। अंबेडकर हॉस्पिटल 1252 बेड का और सेटअप 550 बिस्तर के अनुसार है।

रायपुर का अंबेडकर हॉस्पिटल 1252 से ज्यादा बिस्तर का है। अंबेडकर में नर्सों का जो सेटअप स्वीकृत है हुआ है वह 550 बिस्तर के अनुसार है। इसलिए नर्सों की कमी बनी है। हाल ही में शासन ने नियमित भर्ती की हरी झंडी दी थी लेकिन प्रक्रिया में देरी होने के कारण नर्सो की कमी बनी हुई है। प्रबंधन के अनुसार अस्पताल में कम से कम 500 से 600 नर्स होनी चाहिए। नई भर्ती से यह संख्या पूरी हो जाएगी। हाल ही में सीनियर न नर्सों के ट्रांसफर के बाद भी नसों की कमी हुई। इसलिए 80 संविदा नर्सों की भर्ती की गई है।

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