Edited By meena, Updated: 18 Aug, 2025 06:31 PM

छत्तीसगढ़ खैरागढ़ जिले की राजनीति में आज बड़ा बदलाव देखने को मिला जब कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता...
खैरागढ़ (हेमंत पाल) : छत्तीसगढ़ खैरागढ़ जिले की राजनीति में आज बड़ा बदलाव देखने को मिला जब कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश सचिव भवानी बहादुर सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा और भी ज्यादा प्रतीकात्मक हो गया क्योंकि भवानी बहादुर सिंह ने अपने जन्मदिन के दिन ही पार्टी का साथ छोड़ने का फैसला किया।
कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से थे नाराज
सूत्रों के अनुसार, भवानी बहादुर सिंह पिछले कुछ समय से पार्टी में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और स्वयं की अनदेखी को लेकर नाराज चल रहे थे। उनका मानना था कि कांग्रेस अब उन मूल सिद्धांतों से भटक रही है जिनके लिए उन्होंने वर्षों तक सेवा की। पार्टी के अंदरूनी निर्णयों में उनकी राय को नजरअंदाज किया जा रहा था, जिससे वे खिन्न थे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है प्रभावशाली
भवानी बहादुर सिंह का राजनीतिक और पारिवारिक इतिहास काफी मजबूत रहा है। वे पूर्व सांसद राजा शिवेंद्र बहादुर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री रानी गीता देवी सिंह के पुत्र हैं। उनका परिवार खैरागढ़ राजघराने से ताल्लुक रखता है और क्षेत्र की राजनीति में इनकी गहरी पकड़ रही है।
इस्तीफे का समय है संकेतपूर्ण
अपने जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस से नाता तोड़ना इस बात का संकेत माना जा रहा है कि भवानी बहादुर सिंह अब किसी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने फिलहाल किसी नई पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या किसी क्षेत्रीय दल से जुड़ सकते हैं।
आने वाले चुनावों पर पड़ेगा असर
खैरागढ़ जिले में भवानी बहादुर सिंह का अच्छा खासा जनाधार है। उनके कांग्रेस छोड़ने से आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। खासकर ग्रामीण इलाकों और राजपरिवार के प्रति सम्मान रखने वाले मतदाताओं में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक कांग्रेस की ओर से इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि पार्टी इस घटनाक्रम से हैरान और चिंतित है।