Edited By Devendra Singh, Updated: 10 Jul, 2022 02:42 PM

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (raipur) में जितने भी चौक चौराहे हैं और जो सड़कें हैं उनका नामकरण और नाम बदली किए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) की 54वीं बैठक में पास हुआ है। इसे लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है।
रायपुर (सत्येंद्र शर्मा): छत्तीसगढ़ में चौक चौराहा और सड़कों के नामकरण (naming politics in chhattisgarh) को लेकर लंबे समय से राजनीति होती रही है। एक बार फिर छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में इस राजनीति ने नया रूप ले लिया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (raipur) में जितने भी चौक चौराहे हैं और जो सड़कें हैं उनका नामकरण और नाम बदली किए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) की 54वीं बैठक में पास हुआ है। जाहिर है नया रायपुर के चौक चौराहे और सड़कों का नाम अब बदल दिया जाएगा। इतना ही नहीं नवा रायपुर में बनी सरकारी बिल्डिंग और दफ्तरों (change name of building and offices) के नाम भी बदले जा सकते हैं। अब कैबिनेट की मंजूरी (right of cabinet) के पास इस मामले में सरकार की तैयारी चल रही है।
नाम बदलने को लेकर विपक्ष का तंज
चौक चौराहों के नाम बदली करण और नामकरण पर राजनीति पहले भी होती रही है। इस बार भी कैबिनेट से मंजूरी के बाद नवा रायपुर में नामकरण को लेकर सियासत देखने को मिल रही है। कैबिनेट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (leader of opposition dharamlal kaushik) का कहना है कि कांग्रेस (congress) को अगर नाम बदलना है तो उन्हें नए चौक चौराहे बनाया जाना चाहिए, अपनी लाइन लंबी करने के लिए दूसरे की लाइन छोटी नहीं करनी चाहिए।
जगहों के नामकरण को लेकर पहले भी होती रही है राजनीति
छत्तीसगढ़ में नाम बदलीकरण को लेकर हमेशा से सियासत होती रही है। बीजेपी (bjp) ने जिन चौक चौराहों पर नामकरण किया था। उसे कांग्रेस लगातार बदल रही है। यही कारण है कि विपक्ष इस मामले में सवाल खड़े कर रहा है, अब देखने लायक होगा कि इस नामकरण और नाम बदली करण की राजनीति कहां तक जाती है।