Edited By meena, Updated: 26 Oct, 2022 05:27 PM

आज देश भर में दिवाली के तीसरे दिन पूरे धूमधाम से गोवर्धन पूजा मनाया गया। राजधानी भोपाल में भी कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन किया गया।
भोपाल(विवान तिवारी): आज देश भर में दिवाली के तीसरे दिन पूरे धूमधाम से गोवर्धन पूजा मनाया गया। राजधानी भोपाल में भी कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन किया गया। इसके साथ ही राज्य के सभी जिलों में भी पर्यावरणविद और पर्यावरण प्रेमियों के साथ ये खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ शामिल हुए। यहां उन्होंने जन-भागीदारी से पौधा-रोपण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने गोवर्धन की विधि विधान से पूजा अर्चना भी की। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब शिवराज सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में गोवर्धन पूजा कार्यक्रम पूरे धूम धाम से आयोजित करवाया है और इसका मुख्य कार्यक्रम राजधानी में संपन्न हुआ जहां खुद सीएम शिवराज सपत्नीक शामिल हुए।
• लोग बोल रहे है सीएम क्या कर रहे हैं, कौनसी पूजा में लगे है: शिवराज
गोवर्धन की पूजा करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में सम्मलित हुए लोगों को संबोधित करते हुए ये कहा कि, गोवर्धन पूजा का चलन भले ही शहरों में कम होता है, लेकिन गांव के हर घर में पूजा आयोजित की जाती है, जिसे आज हम ग्रीन बेल्ट कहते थे। किसान पहले गांव में रखते थे। पशुओं के लिए अलग से जगह होती थी। लोग बोल रहे है कि, मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं, कौन सी पूजा में लगे हैं। हमारा देश अद्भुत है, ये एक परंपरा है। ये भी संभव है कि, कुछ लोग इसमें भी तर्क कुतर्क करें, लेकिन हमें पशुओं को सम्मान के भाव से देखना है। पेड़ों की पूजा हज़ारों साल से होती आ रही है। भारत बीते हजारों साल से बोलता आ रहा है कि, प्रकृति का शोषण मत करो। गोवर्धन नहीं होता तो औषधि नहीं होती, ना फल, ना चारा।

• चीते, शेर सब लाओ, प्रकृति का संतुलन बनाए रखना है: सीएम
लगातार प्रकृति और जीव जंतु की महत्ता पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि चीते लाओ, शेर लाओ सब लाओ। प्रकृति का संतुलन बनाकर रखना है। पशु नहीं होंगे तो हमारा अस्तित्व भी नहीं रहेगा। इंसान लालच में अंधा हो गया है। पेड़ काटने शुरू कर दिए। इशारों में सीएम ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि, ये कोई कर्मकांड नहीं है। ये सरकार का कोई कार्यक्रम नहीं है। हम पर्यावरण की चिंता करते हुए धरती को बचाकर रखने की कोशिश कर रहे हैं।

• पटाखे फोड़ने वालों के लिए अपने हाथों में डंडा लिए कलेक्टर घूम रहे थे सड़कों पर
हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन त्यौहार दीपावली पर की जाने वाली आतिशबाजी को लेकर प्रदेश के कई जिलों में लगाए गए प्रतिबंध पर मुख्यमंत्री चौहान ने ये कहा कि, कई जगहों पर पटाखों को फोड़ने पर बैन लगाया गया। इनमें सिंगरौली, कटनी, ग्वालियर शामिल हैं। यहां के कलेक्टर डंडा लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं, लेकिन जिन्हें फोड़ना है वो तो फोड़ेंगे ही, किस किस को बंद करेंगे। अकेले फटाके से कुछ नहीं होता, वो साल में एक बार फोड़े जाते हैं। ऐसा नहीं है कि, पटाखे फोड़ेंगे तो ही प्रदूषण होगा और नहीं फोड़गे तो पर्यावरण अच्छा रहेगा।

• गौवंश की जरूरत को समझना होगा, सबको आगे आना होगा: सीएम
गौवंश की जरूरत पर बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई गौवंश सड़क पर हैं। ये अकेले सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है। अकेले सरकार के गौशाला खोलने से कुछ नहीं होगा। हम अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच रहे, लेकिन सबको आगे आना होगा। गौवंश की ज़रूरत को समझना होगा। सरकार सभी जगह गौशाला खोलने का प्रयास करेगी। हर शहर और पंचायत में एक स्थान सुनिश्चित करेंगे, जहां खास मौकों पर आकर लोग पेड़ लगा सकें और पेड़ों की रक्षा की जिम्मेदारी निभा सकें। एमपी जीडीपी की गणना करेगा और ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट को भी जोड़ेगा।