Edited By meena, Updated: 03 Jul, 2023 01:19 PM
उज्जैन में स्थित महर्षि सांदीपनि के आश्रम में सोमवार को गुरु पूर्णिमा पर देशभर से श्रद्धालु पहुंचे...
उज्जैन (विशाल सिंह): उज्जैन में स्थित महर्षि सांदीपनि के आश्रम में सोमवार को गुरु पूर्णिमा पर देशभर से श्रद्धालु पहुंचे। इस मंदिर का महत्व गुरु पूर्णिमा पर सबसे अधिक होता है। ऋषि सांदीपनि के आश्रम को दुनिया की सबसे पहली पाठशाला के रूप में भी जाना जाता है।
गुरु सांदीपनि से यहां पर भगवान श्री कृष्ण बलराम और सुदामा ने शिक्षा ग्रहण की थी। श्री कृष्ण ने गुरु सांदीपनि से 4 दिन में 4 वेद, 6 दिन में 6 शास्त्र, 16 दिन में 16 विधा, 18 दिन में 18 पुराण सहित कुल 64 दिन में 64 अलग-अलग कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था।
संदीपनी आश्रम गुरु सांदीपनि की तपोभूमि है। इसको द्वापर युग के समय से सारी दुनिया में धर्म आध्यात्मिक और वैदिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए सबसे उत्तम स्थान माना जाता है। मंदिर के पुजारी रूपम व्यास ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर सुबह पंचामृत अभिषेक पूजन हुआ। संगम के जल से भगवान सांदीपनि का स्नान कराया। गोमती नदी के जल से अभिषेक पूजन किया।
कोरोना जैसी महामारी की पुनरावृत्ति नहीं हो इसलिए औषधियों से भगवान सांदीपनि का पूजन और हवन किया। सुबह से ही बड़ी संख्या में बच्चे स्लेट पाठ्य सामग्री का पूजन करवा रहे हैं। गुरु शिष्य परंपरा की शुरूआत भगवान संदीपनी ने की थी इस कारण इस जगह को ब्रह्मांड का प्रथम विश्वविद्यालय माना जाता है। प्रथम कुलपति सांदीपनि और प्रथम छात्र के रूप में श्री कृष्ण ने शिक्षण अर्जित की थी।