Edited By meena, Updated: 28 Jan, 2020 05:13 PM

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों को भावनात्मक मुद्दे बताया और कहा कि इन मुद्दों को राजनीति से जोड़ना गलत है। देश के गृहमंत्री अमित शाह को प्रदर्शन कर...
भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों को भावनात्मक मुद्दे बताया और कहा कि इन मुद्दों को राजनीति से जोड़ना गलत है। देश के गृहमंत्री अमित शाह को प्रदर्शन कर रहे लोगों को बुलाकर बात करनी चाहिए और असल बात समझानी चाहिए। ये बात दिग्विजय सिंह ने आष्टा प्रवास के दौरान कही।
वे मंगलावार को आष्टा के गांव बागेर में शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल भवन का लोकार्पण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नागरिकता देने का अधिकार सरकार को है, लेकिन इसमें दोहरा मापदंड है। अदनान सामी है जो पाकिस्तान के थे और इनके पिता ने पाक की एयर फोर्स में रहकर हिंदुस्तान पर बहुत बम फोड़े थे, उनको पीएम मोदी ने 2015 में नागरिकता दे दी। यही नहीं अब पदमश्री भी दे दिया। वहीं आसाम के जिस मेजर सनाउल्ला खान ने कारगिल युद्ध लड़ा, तो उसे डिटेंशन कैंप की जेल भेज दिया। यह सरकार का दोहरा है मापदंड है। यह भारतीय जनता पार्टी, नरेंद्र मोदी व अमित शाह का हिंदू धर्म व राष्ट्रवाद है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा के राज में बेकसूर लोगों पर रासुका लगा दी जाती है। वहीं आतंकियों के साथ पकड़े गए देवेंद्र सिंह पर अभी तक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धाराएं क्यों नहीं लगाई गईं। अमित शाह आपसे और मोदीजी से पूछता हूं कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता आते हैं उनसे भी पूछ लेना कहां गया तुम्हारा राष्ट्रवाद। आईएसआई के साथ जासूसी करते भाजपा के बजरंग दल के नेता पकड़े गए उन्हें जमानत दिलवा दी। जब यह बात बोलता हूं तो कहते हैं कि दिग्विजय सिंह देशद्रोही है। उन्होंने कहा कि अगर मैं देशद्रोही हूं तो मुझे क्यों नहीं पकड़ते। देवेंद्र सिंह ने अफजल गुरु को मकान और गाड़ी किराए पर दिलवा दी, उसको भाजपा की सरकार ने शेर ए कश्मीर का मेडल दे दिया। जब नागरिकता का मसला आएगा तो यह हिंदू से मुसलमान, सिख, ईसाई से भी नागरिकता का प्रमाण मांगेंगे। वहीं अगर कागजों में कई कमी रह गई तो फिर से दफ्तरों के चक्कर लगाने होंगे।

वही एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुख इस बात का होता है कि राष्ट्रपिता गांधी की शारीरिक हत्या तो बहुत पहले हो चुकी थी। लेकिन अब उनके विचारों की, उनकी आत्मा की हत्या सीएए को लागू कर की जा रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन कोई रजिस्टर्ड संगठन नहीं है, ना ही उसका कोई अकाउंट है और ना ही उसकी कोई मेंबरशिप है। अगर कोई आतंकवादी पकड़ा जाता है तो आरएसएस मुकर जाती है कि यह हमारा सदस्य नहीं इन्होंने नफरत की राजनीति करके पूरे देश में एक माहौल खड़ा किया है। हम इकट्ठा होकर इस नफरत के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। इस देश में हमेशा इंसानियत की कद्र हुई है।