Edited By suman, Updated: 11 Apr, 2019 12:00 PM
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे प्रचार पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए किया गया खर्चा प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रचार अभियान में मोबाइल पर बल्क...
भोपाल: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे प्रचार पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए किया गया खर्चा प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रचार अभियान में मोबाइल पर बल्क एसएमएस और वॉयस मैसेज भी चुनाव विज्ञापन की श्रेणी में माने जाएंगे।
एक चुनाव आयोग सोशल मीडिया कंपनियों से करेगा टाइअप
प्रत्याशी अगर एक हजार लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज करता है तो उसके खाते में 200 रुपए जोड़े जाएंगे। एक एसएमएस का 2.6 पैसा के हिसाब से बल्क एसएमएस चार्ज किया जाएगा। चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया कंपनियों से टाइअप किया है। चुनाव आयोग एक टीम बना रहा है, जो हर तीन-तीन दिन में प्रत्याशियों से सोशल मीडिया पर प्रचार का हिसाब लेगी और यह टीमें विविध ग्रुपों पर होने वाले प्रचार पर नजर रखेंगी।
नामांकन भरने के दौरान शपथ पत्र में प्रत्याशियों को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देना होगी। मामले में पूरी सख्ती रहेगी। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों द्वारा मोबाइल पर भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज को जारी करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य होगा।