70 वर्षीय पूर्व फौजी अपनी बहू को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी, ये निकली बहू की मौत की वजह

Edited By meena, Updated: 09 May, 2025 06:55 PM

father in law acquitted of the charge of inciting daughter in law to

इंदौर की जिला अदालत ने 70 वर्षीय एक पूर्व फौजी को अपनी बहू को दहेज के लिए प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया है...

इंदौर : इंदौर की जिला अदालत ने 70 वर्षीय एक पूर्व फौजी को अपनी बहू को दहेज के लिए प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया है। अदालत ने पूर्व फौजी के बेटे और महिला के पति को भी इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है। बचाव पक्ष के एक वकील ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अपर सत्र न्यायाधीश अनीता सिंह ने पूर्व फौजी श्रीराम राजपूत (70) और उनके बेटे संजीव कुमार राजपूत (45) को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 498-ए (किसी स्त्री के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता) के आरोपों से छह मई को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त किया। श्रीराम राजपूत की बहू संगीता ने 24 सितंबर 2019 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। संगीता का संजीव से वर्ष 2006 में विवाह हुआ था। इस मामले में आत्महत्या का तात्कालिक कारण पति-पत्नी के बीच कथित विवाद होना बताया गया था। अदालत ने अपने फैसले में अलग-अलग न्याय दृष्टातों का हवाला देते कहा कि केवल आपसी विवाद होना किसी शख्स को अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है।

बचाव पक्ष के वकील अमित सिंह सिसोदिया ने बताया कि थलसेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त श्रीराम राजपूत और उनके पुत्र संजीव पर आरोप था कि उन्होंने संगीता से दहेज के रूप में एक लाख रुपये की मांग की थी और मांग पूरी नहीं किए जाने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया गया जिससे तंग आकर महिला ने जान दे दी थी। उन्होंने बताया कि छह गवाह पेश करने के बावजूद अभियोजन पक्ष उनके मुवक्किलों पर यह आरोप साबित नहीं कर सका जिसके बाद अदालत ने पिता-पुत्र को बरी कर दिया।

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