Edited By meena, Updated: 25 Mar, 2025 04:07 PM

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक पत्रकार पर एक कथित दुर्घटना के सिलसिले में दर्ज हुए मामले को लेकर पत्रकार विरोध में उतर आए हैं...
भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक पत्रकार पर एक कथित दुर्घटना के सिलसिले में दर्ज हुए मामले को लेकर पत्रकार विरोध में उतर आए हैं। पूरा मामला पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया से जुड़ा है। राजधानी की कटारा हिल्स पुलिस ने पत्रकार पर फरियादी शेख अकील की शिकायत पर सड़क पर अपने वाहन से टक्कर मारने और बाद में मारपीट करने से जुड़ा मामला दर्ज किया है। इसके बाद पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि एफआईआर की जो प्रति सामने आई है, उसमें जिसके खिलाफ शिकायत की गई है, उसका नाम‘कुलदीप सिसोदिया'लिखा गया है। ऐसे में पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की गिरफ्तारी ने पुलिस कारर्वाई पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
पुलिस की इस कारर्वाई के विरोध में बहुत से पत्रकार आज कटारा हिल्स थाना पहुंचे और गिरफ्तारी का विरोध किया। पत्रकारों ने थाना परिसर में बैठकर भजन भी गाए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल भी थाने पहुंचे। दूसरी ओर कांग्रेस भी पत्रकार को पुलिस हिरासत में लेने के विरोध में उतर आई है। कांग्रेस ने इसे पुलिस की ओर से दबाव में की गई कारर्वाई बताया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इसके विरोध में एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा,‘‘पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के खिलाफ कटारा हिल्स पुलिस द्वारा एक्सीडेंट के केस में अड़ीबाजी की झूठी एफआईआर दर्ज करने के बाद जेल भेजना साफ बताता है कि पुलिस ने दवाब में कार्यवाही की है, मेरी डीजीपी महोदय से मांग है कि इस मामले की तुरंत जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करें।‘‘
कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा,‘‘पत्रकारों की आज़ादी पर भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र उजागर! भोपाल में पत्रकार कुलदीप सिंगरोलिया को आधी रात जबरन गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस गाड़ी से एक्सीडेंट बताया जा रहा है, वह उनकी नहीं थी, न ही वह उसमें थे। फिर भी ग़ैर-जमानती धाराएं लगाकर फंसाया गया। भाजपा का असली चेहरा! एक तरफ भाजपा के नेता पत्रकार को जेल भिजवाने में लगे हैं, दूसरी तरफ भाजपा के ही नेता थाने में बैठकर घड़यिाली आंसू बहा रहे हैं। यह दोहरा खेल किसके इशारे पर हो रहा है।‘‘ बताया जा रहा है कि कुलदीप सिंगोरिया पिछले कुछ समय से लगातार अपनी वेबसाइट पर राज्य के अधिकारियों के खिलाफ लिख रहे थे। इस पुलिस कारर्वाई को इसी घटनाक्रम से जोड़ कर देखा जा रहा है।