Edited By Himansh sharma, Updated: 03 Sep, 2025 07:24 PM

जिसे हम "गुरु" कहकर पूजते हैं, जब वही कक्षा छोड़ कमाई की मंडी में उतर जाए
दुर्ग। (हेमंत पाल): जिसे हम "गुरु" कहकर पूजते हैं, जब वही कक्षा छोड़ कमाई की मंडी में उतर जाए, तो समाज की नींव हिलती है। कुछ ऐसा ही हुआ छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में, जहां सरकारी शिक्षक अपने पढ़ाने के कर्तव्य को भुलाकर हर्बल लाइफ कंपनी के नेटवर्किंग बिज़नेस में व्यस्त पाए गए। और जब इस पूरे घोटाले को पंजाब केसरी टीवी की टीम ने सामने लाया — तो पूरे शिक्षा विभाग में भूचाल आ गया।
टीवी कैमरे से उठी सच्चाई की चिंगारी — विभाग में मची अफरातफरी
धमधा ब्लॉक के शिक्षकों की यह करतूत न केवल नैतिक पतन का उदाहरण है, बल्कि यह उस व्यवस्था पर करारा तमाचा है, जो बच्चों को बेहतर भविष्य देने के दावे करती है।
हर्बल प्रोडक्ट्स की बिक्री, मीटिंग्स, प्रमोशन... और दूसरी ओर खाली पड़ी क्लासरूम्स। जिन हाथों में किताबें होनी थीं, वहां पैकेट और प्रोडक्ट थे।
तीन शिक्षकों पर तत्काल निलंबन — नाम सामने आते ही मचा बवाल
जिला शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए तुरंत निलंबन के आदेश जारी किए:
मुकेश चतुर्वेदी — माध्यमिक शाला, दनिया बोरी
बलदाऊ पटेल — शिक्षक, बोरी स्कूल CSC
खिलेश्वरी चतुर्वेदी — प्राथमिक शाला, फूडा
तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शिक्षा विभाग का यह एक स्पष्ट संदेश है — अब शून्य सहनशीलता का दौर शुरू हो चुका है।
लोमन वर्मा पर भी लटकी तलवार — DPI को भेजा गया पत्र
लोमन वर्मा, व्याख्याता — शासकीय हाई स्कूल, घोटवानी इनके विरुद्ध भी संचालक लोक शिक्षण (DPI) को पत्र प्रेषित कर दिया गया है। अब उनके भविष्य का फैसला उच्च स्तर पर लिया जाएगा।
कक्षा का विश्वास टूटा बच्चों का नुकसान किसके सिर?
यह सिर्फ एक नियम उल्लंघन नहीं, यह उन हजारों बच्चों के सपनों से किया गया मज़ाक है। जब शिक्षक ही बच्चों को सिखाने से मुंह मोड़ लें, तो समाज की उम्मीदें कहां जाएँ।