Edited By suman, Updated: 12 Jun, 2018 02:33 PM
बैतूल जिले का खंडारा गांव, ऐसा गांव है जहां घर की पहचान मुखिया के नाम से नहीं, बल्कि बेटियों के नाम से होती है। बेटियों के सम्मान की यह मुहिम इस गांव से शुरू हुई, लेकिन इस मुहिम को इतना प्रोत्साहन मिला की, अब जिले के हर गांव और शहर में फैल गई है।
बैतूल: बैतूल जिले का खंडारा ऐसा गांव है जहां घर की पहचान पिता के नाम से नहीं, बल्कि बेटियों के नाम से होती है। बेटियों के सम्मान की यह मुहिम खंडारा गांव से शुरू हुई, लेकिन इसे इतना प्रोत्साहन मिला की, अब जिले के हर गांव और बेटी के नाम की प्लेट्स घरों में लगी हैं। खंडारा गांव में इस समय 200 में से 155 घरों में बेटियां हैं।
इन सभी घरों में बेटियों के नाम की प्लेट लगाई जा चुकी हैं। बेटियों को सम्मान और पहचान देने के एक अभियान के तहत यह किया गया है। इसकी शुरूआत खंडारा के स्वयंसेवी अनिल यादव के घर से हुई थी। उन्होंने गांव के अन्य लोगों को भी 'डिजिटल इंडिया विद लाडो" अभियान के तहत उनकी बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। इतना ही नहीं, इस अभियान से प्रभावित होकर विधायक ने एक सरकारी भवन का नाम भी किसी प्रतिभाशाली बेटी के नाम पर रखने की घोषणा की। अब खंडारा गांव का पहचान यहां की बेटियां बन गई हैं।