Edited By meena, Updated: 10 Feb, 2020 05:02 PM
मध्य प्रदेश सरकार कलेक्टर पद का नाम बदलने को लेकर ठोस कदम उठाने जा रही है। सरकार ने इस बात का हवाला देते हुए कहा कि कलेक्टर शब्द अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है और इससे अंग्रेजियत की बू आती है। अंग्रेजों के समय जो...
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार कलेक्टर पद का नाम बदलने को लेकर ठोस कदम उठाने जा रही है। सरकार ने इस बात का हवाला देते हुए कहा कि कलेक्टर शब्द अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है और इससे अंग्रेजियत की बू आती है। अंग्रेजों के समय जो राजस्व कुलेक्ट करते थे उन्हें कलेक्टर कहा जाता था। इसमें अब बदलाव की जरूरत है। इसके साथ ही नया और आधुनिक नाम पर भी विचार किया जा रहा है। कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आने के बाद कलेक्टरों के पदनाम बदलने के लिए आईएएस अधिकारियों से सुझाव भी मांगे थे, लेकिन यह फैसला अधर में ही अटका रह गया।
अब इसके लिए कमलनाथ सरकार ने बकायदा तैयारियां शुरु कर दी। जल्द ही नाम सरकार पदनाम में परिवर्तन करने वाली है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा के अनुसार यह पदनाम बदला जाएगा। कलेक्टर का नाम बदलने के लिए पांच अफसरों की एक कमेटी अपर मुख्य सचिव आईपीसी केसरी की अध्यक्षता में बनाई गई है। जो सोमवार को मंत्रालय में पहली बैठक करेगी। इस कमेटी में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी विशेष गढ़पाले और सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल के साथ राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी शामिल है। यह कमेटी आपस में विचार मंथन करने के साथ-साथ अन्य लोगों से भी इस बारे में अन्य लोगों से भी सलाह मशवरा करेगी। हालांकि खुद मुख्यमंत्री कलेक्टर के नए नाम के बारे में जिला अधिकारी और जिलाधीश नाम सुझा चुके हैं।