Edited By Vikas kumar, Updated: 17 Sep, 2019 02:17 PM
मध्य प्रदेश में अब पार्लर से दूध और कड़कनाथ मुर्गे का मांस एक साथ नहीं बेचा जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत झाबुआ के प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे का चिकन और दूध एक साथ बेचा जा रहा था। लेकिन बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने विरोध जताते हुए सीएम कमलनाथ...
भोपाल: मध्य प्रदेश में अब पार्लर से दूध और कड़कनाथ मुर्गे का मांस एक साथ नहीं बेचा जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत झाबुआ के प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे का चिकन और दूध एक साथ बेचा जा रहा था। लेकिन बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने विरोध जताते हुए सीएम कमलनाथ को चिट्टी लिखी थी। बीजेपी के ऐतराज के बाद, सीएम कमलनाथ ने अपना यह फैसला बदल लिया है।
सीएम ने दिए बंद करने के निर्देश
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह ने बताया कि बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा की शिकायत के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम कमलनाथ ने पार्लर को अलग-अलग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मप्र में अब कहीं भी दूध और चिकन एक साथ नहीं बेचा जाएगा। मंत्री लाखन सिंह ने आगे कहा कि अगर इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं तो अब दूध और चिकन एक साथ नहीं बचा जाएगा।
बीजेपी विधायक ने जताई आपत्ति
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने सरकार के इस कदम का विरोध जताते हुए कहा था कि हिंदू धर्म में गाय और उसके दूध को पवित्र माना जाता है। त्योंहारों में और उपवास में गाय के दूध का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गाय का दूध और कड़कनाथ मुर्गे का मांस एक पार्लर में नहीं बेचा जाना चाहिए। उन्होंने वकायदा सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी।