Edited By meena, Updated: 27 Jun, 2024 04:15 PM
ग्वालियर से नवनिर्वाचित सांसद भारत सिंह कुशवाह ने एक बुजुर्ग बीमार महिला की मदद करके मानवता का फर्ज निभाया...
ग्वालियर ( अंकुर जैन ) : ग्वालियर से नवनिर्वाचित सांसद भारत सिंह कुशवाह ने एक बुजुर्ग बीमार महिला की मदद करके मानवता का फर्ज निभाया। अब सांसद जी की हर तरफ तारीफ हो रही है। दरअसल, आदिवासी महिला को खून की उल्टियां हो रही थी। उसके बेटे ने सांसद से मदद की गुहार लगाई। ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह को सूचना मिलते ही कुछ ही देर बाद स्कॉर्पियो मां को अस्पताल लाई। बुजुर्ग महिला सालों से परेशान थी अब सांसद की मदद से उसे लाखों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में फ्री में मिलेगा। पीड़ित ने कुछ रुपयों की मदद मांगी उसकी जगह लाखों का इलाज मिला। ग़रीब के घर के बाहर सांसद की गाड़ी देख गांव वाले इकट्ठे हो गए और इलाज के लिए गाड़ी में ले जाते देख सभी दुआएं दे रहे थे।
ग्वालियर के शिवपुरी हाइवे किनारे जंगल में बसे कांसेर गांव के सहरिया आदिवासी समाज की वृध्द महिला कपूरी बाई जो गंभीर बीमारी टीबी से ग्रसित थी जिसका इलाज क्षमता अनुसार करवाया गया लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हुई। सहरिया जनजाति में अधिकतम मृत्यु टीबी का सही समय पर इलाज न होने के कारण भी होती है। महिला कपूरी बाई का सहारा उसका बेटा लालपत सहरिया ग्वालियर से 900 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भृत्य के पद पर नौकरी कर गुजर बसर करता है। अचानक कल रात से उसकी मां खून की उल्टियां करने लगी तो बहुत परेशान हुआ।
कई लोगों से फ़ोन लगाकर की मदद मांगी लेकिन कोई सहायता न मिलने के कारण उसने ग्वालियर संसद भारत सिंह कुशवाह जी से मदद की गुहार लगाई। सांसद जी दिल्ली में होने के कारण भतीजे महेश कुशवाहा, प्रेम सिंह राजपूत, गोविंद राठौर व अमित परिहार को तत्काल मौक़े पर जाकर गांव से बीमार मां को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए कहा। सांसद जी की संवेदनशीलता व त्वरित मदद की बदौलत आदिवासी महिला को सही समय पर बेहतर इलाज मिल रहा है। वृद्ध महिला को लिंक अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया और उच्च क्वालिटी का उपचार प्रारंभ हो गया है।
सांसद की गाड़ी देखकर गांव की महिला बुजुर्ग इकट्ठे हो गए। परिजनों के मन में ख़ुशी दिख रही थी कि एक छोटे से निवेदन पर इतना बड़ा उपचार मिला जो कि उनकी सोच से परे थे उन्हें कल्पना थी कि सिर्फ़ कुछ रुपये मिल जायें इतना ही बहुत है। नेता का बड़े पर जाना तभी सार्थक है जब उसने संवेदनायें हों और ग़रीबों के लिए हर वक्त खड़ा रहे।