इंदौर में नर्मदा मालवा गंभीर लिंक सिंचाई परियोजना शुरू, किसानों को मोबाइल पर मिलेगी पानी की खबर

Edited By Jagdev Singh, Updated: 10 Jan, 2020 06:08 PM

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नर्मदा मालवा गंभीर लिंक सिंचाई परियोजना का पानी शुक्रवार को इंदौर के हातोद गांव पहुंच गया। पालकांकरिया में इस सिंचाई और पेयजल परियोजना की शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने की। ये देश की ऐसी पहली...

इंदौर: नर्मदा मालवा गंभीर लिंक सिंचाई परियोजना का पानी शुक्रवार को इंदौर के हातोद गांव पहुंच गया। पालकांकरिया में इस सिंचाई और पेयजल परियोजना की शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने की। ये देश की ऐसी पहली नदी जोड़ो परियोजना है जिसमें नर्मदा का पानी 427 मीटर से अधिक ऊंचाई तक लिफ्ट कर लाया गया है। ये इतनी हाईटेक परियोजना है कि इसमें किसान अपने मोबाइल फोन से ये पता कर सकेगा कि उन्हें खेतों की सिंचाई के लिए कब और कितना पानी मिलेगा।

नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना खेती की सिंचाई और स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। परियोजना का मुख्य उददेश्य चंबल बेसिन के ऊपरी क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई सुविधा देना हैॉ। अभी यहां सिंचाई का रकबा बहुत कम है। इलाके में पानी आने से इसका सीधा फायदा किसानों और स्थानीय लोगों को होगा। नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना तकनीकी रूप से भी बहु-उपयोगी है। इस हाईटेक परियोजना में स्काडा प्रणाली,जल वितरण की इजरायली प्रणाली और बेहतरीन वॉटर मैनेजमेंट का उपयोग किया गया है।

नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक परियोजना को ओंकारेश्वर परियोजना के चार पंप हाउस की मदद से इंदौर के दतोंदा स्थित बीपीटी-2 तक लाया गया है। यहां तक पाइप लाइन की लंबाई 38.165 किलोमीटर है। यहां से 29.977 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन की मदद से पानी को इंदौर जिले के हातोद तहसील के बड़ीकलमेर तक पहुंचाया गया। पानी का प्रेशर इतना तेज है कि लाखों किसान सीधे पाइप जोड़कर स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई कर सकेंगे। सांवेर के 43 गांवों को इस योजना से फायदा मिलेगा और 15 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी।

इस परियोजना की खासियत ये है कि इसमें बेहतरीन वॉटर मैनेजमेंट के जरिए किसानों की मांग पर उन्हें पानी उपलब्ध कराया जाएगा। ये इतनी हाईटेक है कि किसान अपने मोबाइल फोन से पता कर सकेंगे कि उन्हें कितना और कब पानी मिल पाएगा। पूरे सिस्टम को क्लाउड कंप्यूटिंग और वायरलेस कम्यूनिकेशन के जरिए रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है। इसे एसएमएस अलर्ट और नोटिफिकेशन से जोड़ा गया है। आधुनिक और नई इजरायली तकनीक के जरिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एनवीडीए इस पूरी सिंचाई प्रणाली को ऑपरेट कर रहा है।

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