मंडला में भ्रष्ट रेंजर को हटाने के लिए शुरू हुआ सत्याग्रह, आरोप सिद्ध होने के बाद भी नहीं हुई कार्रव

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 20 Jan, 2021 01:59 PM

satyagraha started to remove corrupt ranger in mandla

मध्य प्रदेश के एक वन रक्षक का वायरल वीडियो तो आपने देखा ही होगा जिसमें कि वो अपने ही रेंजर पर अपराध कायम करने की चेतावनी देते नजर आया था। उस ईमानदार वनरक्षक का वीडि ...

मण्डला: मध्य प्रदेश के एक वन रक्षक का वायरल वीडियो तो आपने देखा ही होगा जिसमें कि वो अपने ही रेंजर पर अपराध कायम करने की चेतावनी देते नजर आया था। उस ईमानदार वनरक्षक का वीडियो मध्यप्रदेश में जमकर वायरल हुआ, तो अब मध्यप्रदेश के मंडला में भी आधा दर्जन वनरक्षक और क्षेत्र रक्षक अपने रेंजर के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। मोहगांव परियोजना मंडला के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के तहत कार्यरत वनरक्षक पुनाराम मरावी, क्षेत्र रक्षक हरिराम अहिरवार, सिंग राम सिंह धुर्वे, शंकर टिकरिया, जियालाल भरतिया, मनोज मरावी और सुरक्षा समिति तोता राम साहू ने ईमानदारी के साथ खड़ा होना ही स्वीकार किया और बेईमानी की राह पर जाने के लिए आदेशित करने वाले रेंजर का विरोध कर दिया है। उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को शिकायत तो कर दी। लेकिन रेंजर पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

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मोहगांव परियोजना मंडल मंडला के अंतर्गत काम करने वाले इन वन कर्मियों ने दी गई शिकायत में लिखा है, कि परियोजना परीक्षेत्र अधिकारी अंजनिया द्वारा स्टाफ को प्रताड़ित किया जाता है और दबाव बनाकर गलत कार्य करने के लिए भी बात किया जा रहा है। उन्होंने रेंजर अतुल बाजपेई पर जो आरोप लगाए हैं। उसमें यह कहा गया है कि रेंजर अपशब्दों का प्रयोग करते हैं और जातिसूचक शब्दों का भी उपयोग कर रहे हैं, इसके साथ ही वे दबाव बनाकर फर्जी बाउचर बनवाते हैं ऐसा न करने पर वेतन रोकने की धमकी दी जाती है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र के समस्त सुरक्षा श्रमिकों की मोहन टोला ऑफिस में दिन रात ड्यूटी लगाई जाती है। जिससे कि वन कार्य एवं सुरक्षा कार्य प्रभावित होते हैं। क्षेत्र में गस्त ना होने पर अवैध कटाई की संभावनाएं होती हैं। कटाई होने पर इनके द्वारा निलंबित कराने की धमकी दी जाती है। अगर कोई जंगल की लकड़ियां काट रहा होता है। तो उस को खुली छूट दी गई है, और अगर उस पर कार्रवाई की जाए तो पैसे लेकर उसको आसानी से छोड़ देते हैं। इनके  समस्त वाउचरों पर 20% राशि में कमीशन भी लिया जाता है। इन तमाम शिकायतों के खिलाफ सत्याग्रह शुरू कर दिया है। लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है।

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सूअर की हत्या में भी पैसा लेकर कर दिया रफा-दफा ...
संभागीय प्रबंधक मोहगांव परियोजना मंडल मंडला को लिखित शिकायत में क्षेत्रपाल हाई राम अहिरवार अंजनिया परिक्षेत्र ने सीधा सीधा आरोप लगाया है, कि 24 अगस्त 2020 को प्रेमपुर भी हटके भिंगा ग्राम में सूअर हत्या केस के आरोपियों को पकड़ा गया। लेकिन अतुल बाजपेई रेंजर अंजनिया द्वारा केस ना बनवा कर पैसा लेकर मामला रफा दफा किया गया, तथा कर्मचारियों को आगे जानकारी देने पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की धमकी दी गई। जो कि वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम व मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम के विरुद्ध है। इस पर निलंबित करने की प्रार्थना की गई लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।

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सत्याग्रह पर भी रोक लगाने के लिए जारी किया गया पत्र ...
जब वन कर्मियों ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठानी, तो अब अधिकारी उनको अपना यह सत्याग्रह खत्म करने का पत्र जारी कर रहे हैं। और कह रहे हैं कि आप अपनी ड्यूटी पर लौट आइए। लेकिन उपरोक्त कर्मचारी कहते हैं कि हमें जहां पर ड्यूटी जा रही है वह क्षेत्र रेंजर अतुल बाजपेई के ही अधिनस्थ में आता है। लिहाजा जिसकी हमें शिकायत की है उसके अधीनस्थ  रहकर हम काम कैसे कर सकते हैं इन सभी ने मांग की है कि जब तक रेंजर को अलग नहीं किया जाएगा हम ऐसे ही सत्याग्रह करते रहेंगे।

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आरोप सिद्ध कार्रवाई अब तक नहीं
इस पूरे प्रकरण में आर के मरावी उप संभागीय प्रबंधक ने जांच की जिसमें कि अजीत सिंह क्षेत्र रक्षक को दोषी पाया गया। जिसे तत्काल निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही एस के यादव सहायक परियोजना अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और अतुल बाजपेई प्रभारी परीक्षेत्र अधिकारी अंजनिया के विरुद्ध आरोप पत्र तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। लेकिन अब तक इस पूरे मामले पर आरोप पत्र नहीं बन पाया है। ऐसे में इन क्षेत्र वालों को पुनः उनके अधीनस्थ काम करने के लिए भेजना भय का वातावरण बनाने जैसा ही है लिहाजा यह सब ही अब भी सत्याग्रह की राह पर अड़े हुए हैं। इस पूरे मामले पर आलोक दास क्षेत्रीय संभागीय प्रबंधक ने कहा संभगिया प्रबंधक इस मामले पर पूरी जांच रिपोर्ट दे पाएंगे। आप इस मामले पर उन्हीं से बात कर लीजिए।

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