Edited By Desh sharma, Updated: 20 Dec, 2025 06:00 PM

मध्य प्रदेश में SIR के मुद्दे के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी में वोटर लिस्ट को लेकर एक बार फिर घमासान मच सकता है। खबर आ रही है कि अबकी बार लगभग 25 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं। इतने बड़े आंकड़े पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी जंग तेज हो...
(भोपाल): मध्य प्रदेश में SIR के मुद्दे के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी में वोटर लिस्ट को लेकर एक बार फिर घमासान मच सकता है। खबर आ रही है कि अबकी बार लगभग 25 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं। इतने बड़े आंकड़े पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी जंग तेज हो सकती है।
25 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटने पर मचेगी सियासी खलबली
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 25 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटने वाले हैं। वहीं नाम हटाने की पीछे की जो वजहें सामने आ रही है वो भी कम दिलचस्प नहीं है। कहीं फॉर्म अधूरे हैं तो कहीं एक ही वोट दो जगह दर्ज है, जबकि कहीं-कही मतदाता की मौत के बाद भी नाम हटाया गया नहीं है।इस तरह से नाम कटने की आशंका के बीच ये मामला जबरदस्त सियासी रंग ले सकता है।
कुछ इस तरह से हैं सामने आए आंकड़े
मध्य प्रदेश में कुल 5.76 करोड़ फॉर्म जमा हुए हैं लेकिन अहम बात ये है कि 9 लाख फॉर्म में 2003 से जुड़ी जानकारी ही नहीं है। जबकि 8.5 लाख वोटर ऐसे हैं जो इस दुनिया में नहीं है, जबकि 23 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी हो जाएगी ।
23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन
वहीं इस सबके बीच चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि 23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। सूची के आधार पर आपत्तियां और दावे आमंत्रित होगें। जिन मतदाताओं ने अधूरा गणना पत्रक भरा है, उन्हें आयोग नोटिस जारी करेगा, ताकि तय समयसीमा में अपनी जानकारी पूरी कर सकें।
कांग्रेस पहले भी लगाती रही है बीजेपी पर वोट चोरी के आरोप
लिहाजा मध्यप्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर इस बड़े अपडेट के बाद हलचल तेज है। राज्य की मतदाता सूची से लगभग 25 लाख नाम कटने की संभावना है और इसके साथ ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान मचाया तय माना जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने पहले ही राहुल गांधी के वोट चोरी दावे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था। कांग्रेस ने कहा है कि लाखों नाम काटे जा रहे हैं, इससे साफ होता है कि ये नाम फर्जी थे, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ये नाम जुड़े कैसे और यह अभी तक कैसे वोट डाल रहे थे। लिहाजा 3 दिन बाद जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर सूबे की राजनीति में उफान देने को मिल सकता है।