सिंगरौली : स्कूलों की मरम्मत के लिए आई 3 करोड़ की राशि डकार गया डीईओ!

Edited By meena, Updated: 11 Aug, 2025 07:26 PM

singrauli deo embezzled the amount of rs 3 crore meant for school repair

सिंगरौली जिले में शासन से प्राप्त 3 करोड़ की राशि में बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है...

सिंगरौली(अंबुज तिवारी) : सिंगरौली जिले में शासन से प्राप्त 3 करोड़ की राशि में बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है। यह राशि जिले के 61 स्कूलों की विद्युत व्यवस्था और मरम्मत के लिए मांगी गई थी, जो स्कूलों तक नहीं पहुंची। जिला पंचायत सदस्य अशोक सिंह पैगाम ने इस राशि से कराए गए कार्यों के जांच की मांग कलेक्टर से की है।

जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह ने जिले की 61 विद्यालयों में मरम्मत और विद्युत व्यवस्था के नाम पर राशि की मांग की थी। अपर संचालक (वित्त) लोक शिक्षण विभाग म.प्र. द्वारा 3 करोड़ 5 लाख की राशि जारी की गई थी। इस राशि को जिले की 61 हाई/हायर सेकंडरी स्कूलों में मरम्मत और विद्युत व्यवस्था के लिए खर्च करना था। स्कूलों में इस राशि से जो सामग्रियां क्रय की गई हैं, उनकी खरीदी प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखा गया है। आरोप है कि राशि का दुरुपयोग करने के लिए अधिकारी ने भंडार क्रय नियम के प्रावधानों को भी दरकिनार कर दिया। शिकायती आवेदन में बताया गया है कि क्रय भंडार नियम में 2.5 लाख से ज्यादा राशि की खरीदी के लिए ई.टेंडर प्रक्रिया या जेम पोर्टल के माध्यम से निविदा आमंत्रित किए जाने का प्रावधान है, लेकिन यहां इस नियम का भी पालन नहीं किया गया।

PunjabKesari

3 करोड़ 5 लाख में से प्रत्येक स्कूल को 5 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। हैरानी की बात यह है कि इन स्कूलों के हिस्से की राशि स्कूल के खातों में पहुंची ही नहीं। यह जानकारी एक प्राचार्य ने नाम न छापने की शर्त पर दी है। डीईओ ने दबाव डलवाकर इन स्कूलों के प्राचार्यों से जबरन करोड़ों रुपए की उन सामग्रियों के बिलों का सत्यापन कराया जिन्हें प्राचार्यों ने खरीदा ही नहीं अब सवाल यह है कि जब पैसे स्कूल के खाते में आए ही नहीं तो इन बिलों का भुगतान कैसे हुआ?

भोपाल की 3 फर्मों से हुई खरीदी

जिन तीन फर्मों को करोड़ों की राशि का भुगतान किया गया है, उनमें भोपाल की श्रीप्रदा सेल्स कार्पोरेशन, श्री धनलक्ष्मी ट्रेडर्स और जगदम्ब इंटरप्राइजेज शामिल हैं। इन फर्मों से जो सीलिंग फैन, इनवर्टर, बैट्री, कंप्यूटर, बल्ब, हेलोजन, ट्यूबलाइट इत्यादि चीजें क्रय गई हैं। बिल में उनकी कंपनी ब्रांड नाम का भी उल्लेख नहीं किया गया है।

इस मामले का खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों से हुआ है। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपए के बंदरबांट किए जाने की संभावना जताई गई है। जिला पंचायत सदस्य अशोक सिंह पैगाम ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!