कौमी एकता की मिसाल बने समाजसेवी विनोद राय, अपने खर्चे पर धूमधाम से कराया मुस्लिम बेटी साहिबा का निकाह

Edited By meena, Updated: 09 May, 2023 07:13 PM

social worker vinod rai became an example of communal unity

आज कल ऐसा शख्स जो ना रात देखता है और ना ही दिन समाज सेवा की ऐसी मिसाल की चिराग

दमोह (इम्तियाज़ चिश्ती) : आपके आसपास बजनी हो शहनाई या जीवन का सत्य उठनी हो खारी हर ख़ुशी और ग़म में आपके साथ है...आज कल ऐसा शख्स जो ना रात देखता है और ना ही दिन समाज सेवा की ऐसी मिसाल की चिराग लेकर ढूंढेंगे भी तो ऐसा शख्स मिलना मुश्किल है। आपने सामाजिक कार्यकर्ता और समाज सेवी तो खूब देखें और सुने होंगे लेकिन समाज सेवा की ऐसी अलख जगाई है राय परिवार ने कि आज चारों तरफ इनके द्वारा किये गए कामों की चर्चा हो रही हैं।

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हम बात कर रहे हैं दमोह जिले के बम्होरी ग्राम की जहां जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि व भाजापा जिला उपाध्यक्ष विनोद राय की। इनके जनपद क्षेत्र में अगर किसी ग़रीब अनाथ बेटी का विवाह होना हो तो चिन्ता करने की बात नहीं शादी का पूरा ख़र्च उठाने वाले हैं विनोद राय जी और अगर क्षेत्र में किसी की मिट्टी भी हो जाए तो अंत्येष्टि के लिए निःशुल्क लकड़ी से लेकर अस्थि विसर्जित करने अपना वाहन तक उपलब्ध है। अब इनके द्वारा किये गए कामों की चारों तरफ वाहवाही हो रही है। ताजा मामला है एक मुस्लिम ग़रीब बिन मां की बेटी की शादी का है  किसी ने विनोद राय को इसकी जानकारी दी की गांव में ग़रीबा और यतीम लड़की ही उसका विवाह होना है।

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इंतजाम ज्यादा कुछ है नहीं इतना सुनने के बाद मुस्लिम बेटी को अपनी बेटी समझकर ना सिर्फ उसके पीले हाथ कर घर से विदा किया। बल्कि निकाह के बाद बेटी साहिबा को गृहस्थी का सारा समान भी दहेज़ में दिया। शादी के पंडाल में बेटी का दहेज़ लगा रिश्तेदारों की भीड़, शादी के नए नए जोड़े वो सभी जो एक पिता अपनी बेटी को अरमानों से देता है। बारातियों का स्वागत से लेकर समाज का व रिश्तेदारों के खाने तक का बेहतरीन इंतजाम किया। दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देते हुए बेटी को घर से विदा किया।

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आपको बता दे कि राय अब तक 29 यतीम,  बिना माता पिता के बेटियों की शादियां करा चुके हैं। शरीफ खान की भतीजी की शादी भी विनोद राय ने अपनी बेटी समझकर पूरे मुस्लिम रीति रिवाज के साथ करने में अहम भूमिका निभाई।

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वहीं बेटी के शादी का कार्ड देखें तो प्रेषक में पिता की जगह विनोद राय का नाम अंकित है। इससे बढ़कर कौमी एकता की मिसाल और कहां देखने मिलेगी। समाज सेवा की मिसाल बन चुके विनोद राय खुद भी मानते है कि इस तरह के नेक काम करने में उन्हें सुकून मिलता है।

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