Edited By meena, Updated: 29 Apr, 2025 04:35 PM

सड़क पर भागती ज़िंदगियों के बीच एक मां की ममता और बेटे की मासूम जिद ने एक ऐसी त्रासदी को जन्म दिया...
गुना (मिस्बाह नूर) : सड़क पर भागती ज़िंदगियों के बीच एक मां की ममता और बेटे की मासूम जिद ने एक ऐसी त्रासदी को जन्म दिया, जिसे सुनकर पत्थर दिल भी पिघल जाए। अशोकनगर जिले के खिरिया महू गांव की सरोजबाई, एक मां… जिसने अपने बेटे की छोटी सी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए खुद को किस्मत के हवाले कर दिया।
दरअसल, उनका बेटा दीपक, जिद कर रहा था कि मैं मां को इंदौर से बाइक पर बैठाकर अशोकनगर लेकर जाऊंगा। बेटे की ज़िद थी सो मां को मानना पड़ा और दीपक इंदौर से अपनी मां को लेकर गांव की ओर एक शादी समारोह में शामिल होने बाइक से निकल पड़ा, वह शायद कभी नहीं जानता था कि यह सफर उनकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक और मां के साथ आखरी सफर बन जाएगा। शाम के करीब 7 बजे थे, जब राघौगढ़ के पास तेज रफ्तार से निकले एक ट्रैक्टर ने उनकी खुशियों को कुचल दिया। ट्रैक्टर के पंजे ने बाइक को छूते ही सरोजबाई को ज़मीन पर गिरा दिया। दीपक ने मां को थामने की पूरी कोशिश की, लेकिन तक़दीर इतनी बेरहम थी कि कुछ ही पलों में मां की सांसें थम गईं।
बेटा दीपक, जिसने अभी अपनी आंखों से मां को मुस्कुराते देखा था, उसी आंखों में अब केवल आंसू थे। मां की ममता उसके हाथों में दम तोड़ चुकी थी, और वह ट्रैक्टर वाले को पकड़ने के लिए दौड़ पड़ा लेकिन उस निर्दयी मशीन के पहियों से तेज कोई नहीं भाग सकता था। पिता पहलवान, जो उसी वक्त बस से घर लौट रहे थे, जब बेटे ने मां की मौत की खबर दी तो मानो उनका भी सब कुछ बिखर गया। वो दौड़े, टूटे और उस जगह पहुंचे जहां ज़िंदगी ने उन्हें सबसे बड़ा जख्म दिया था। गुना जिला अस्पताल में मंगलवार सुबह जब सरोजबाई का पोस्टमार्टम हुआ, तब तक इंदौर से उनके श्रमिक परिवार की मेहनत और संघर्ष की कहानी भी एक करुण अंत की ओर मुड़ चुकी थी।