गर्रोली परंपरा में ताड़का वध मेले का आयोजन, वर्षों पहले ऐसे शुरु हुई थी प्रथा

Edited By meena, Updated: 01 Apr, 2023 04:29 PM

tadka slaughter fair organized in garroli tradition

छतरपुर जिले के नौगांव जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गर्रोली प्राचीन परंपरा के मुताबिक हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी

छतरपुर(राजेश चौरसिया) : छतरपुर जिले के नौगांव जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गर्रोली प्राचीन परंपरा के मुताबिक हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ताड़का वध मेले का उत्साहपूर्वक आयोजन किया गया। बताया जाता है कि गर्रोली रियासत में वर्ष 1812 से ताड़का वध मेले की प्रथा चली आ रही है तब से लेकर अब तक हर वर्ष चैत्र माह की दसवीं तिथि को इस मेले का आयोजन किया जाता है।

यह प्रथा गर्रोली रियासत के तत्कालीन दीवान बहादुर गोपाल सिंह जूदेव ने प्रारंभ की थी। प्रथा शुरु करने का उद्देश्य उस वक्त रियासत के 18 गांवों से चैत्र माह में अपना लगान जमा करने के लिए आने वाले जमीदारों का मनोरंजन करना होता था। पहले यहां ताड़का वध की प्रथा प्रतियोगिता के रूप में होती थी, जिसमें जमींदारों के घोड़ा और हाथी से तड़का का वध किया जाता था और इसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता था।

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