CM शिवराज की नहीं सुन रहे अधिकारी, जमानत पर आए 13 लाख के गबन के आरोपी को बनाया पनागर केंद्र प्रभारी

Edited By meena, Updated: 17 Dec, 2022 06:26 PM

the accused who came on bail was made the center in charge

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुले मंच पर भ्रष्टाचारियों को सस्पेंड करते आ रहे हैं। वे चुन चुन कर हर जिले में भ्रष्टाचार से जुड़े अधिकारियों पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। मकसद साफ है प्रदेश में सुशासन का राज हो। लेकिन कुछ अधिकारी हैं

जबलपुर(विवेक तिवारी): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुले मंच पर भ्रष्टाचारियों को सस्पेंड करते आ रहे हैं। वे चुन चुन कर हर जिले में भ्रष्टाचार से जुड़े अधिकारियों पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। मकसद साफ है प्रदेश में सुशासन का राज हो। लेकिन कुछ अधिकारी हैं जो शायद मुख्यमंत्री के इस कदम से इत्तफाक नहीं रखते तभी तो जबलपुर में भ्रष्टाचारियों को खुलेआम बड़े पदों से नवाजा जा रहा है और बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है। जबलपुर के पनागर की बात करें तो यहां पर 13 लाख के गबन के आरोपी मुकेश पटेल को धान खरीदी केंद्र का प्रभारी बना दिया गया है। 3 महीने पहले ही वह जमानत से छूट कर आया है, राशन घोटाले में खाद्य विभाग ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन जमानत मिलते ही फिर से उसको बड़ी जिम्मेदारी पनागर समिति के प्रबंधक अब्दुल समद ने दे दी। जब इस संबंध में पंजाब केसरी ने अब्दुल समद से बात की तो उनका बयान चौंकाने वाला था। उन्होंने मुकेश पटेल का सीधा पक्ष लेते हुए कहा कि अभी तो मामला कोर्ट में है जब उसको सजा होगी तब देखा जाएगा अभी वह दोषी नहीं है। अब्दुल समद के बयान से साफ है कि मुख्यमंत्री के कदम और एक्शन को समिति प्रबंधक पूरी तरह से भूल गए हैं और अब्दुल समद खुद अपने आप को शहंशाह समझ रहे हैं। तभी तो मनमर्जी के काम कर रहे हैं और दागी लोगों को बड़ी बड़ी जिम्मेदारी देने से नहीं चूक रहे हैं।

सेल्समैन मुकेश पटेल जमानत से छूटा बना केंद्र प्रभारी

छत्तरपुर सेल्समेन मुकेश पटेल द्वारा राशन दुकानों में लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा था, जिसकी शिकायत पर खाद्य आपूर्ति अधिकारी रोशनी पांडेय ने 13 लाख रुपये के गबन के आरोप में 10 अक्टूबर 2021 को पनागर थाना, 10 नवंबर 2021 को खम्हरिया थाना, और 20 नवंबर 2021 को पुनः पनागर थाने में 420, 409, 34, आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा 3 एवं 7 का मामला कायम कराया गया था, जिसमें मुकेश पटेल और नवल खम्परिया 3 माह बाद जमानत पर हैं, इसके बावजूद पनागर समिति प्रबंधक अब्दुल समद द्वारा वर्तमान धान खरीदी में पुनः केंद्र प्रभारी बना दिया गया।

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खरीदी में कैसे होती है हेराफेरी

खरीदी केंद्र में मुख्य भूमिका ऑपरेटर और पल्लेदार की होती है, जिसके लिए खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल द्वारा यह स्पष्ट आदेश दिया था कि जो ऑपरेटर जिस केंद्र में रजिस्ट्रेशन करते है, उन्हें उस समिति से अन्यत्र कहीं ऑपरेटर बनाया जाए जिससे केंद्र में तुलाई के नाम पर धांधली न हो पाए पर यहां जिन ऑपरेटरों ने रजिस्ट्रेशन किए आज उसी केंद्र में भी किसानों की धान चढ़ा रहे हैं। पहले तो खरीदी के समय किसानों से तुलाई, सिलाई, टगाई के नाम से 30 से 40 रुपये का ठेका पल्लेदार से करवाया जाता है, फिर नमी या अन्य कारण का हवाला देकर उनसे प्रत्येक कट्टी में 500 से 1 किलो तक अधिक धान ले ली जाती है, फिर सिलाई करने से पहले पल्लेदार उसमें से तौली गई अधिक धान निकाल कर वेयरहाउस में रखवा देते है, बाद में ऑपरेटर उक्त धान को किए गए फर्जी रजिस्ट्रेशन या अन्य के खाते में चढ़वाकर राशि निकालकर आपस मे बांट लेते हैं। इसमें बहुत बड़ा हिस्सा केंद्र प्रभारी, समिति प्रबंधक पल्लेदार आदि शामिल रहते हैं, बाद में जब शासन से राशि आती है तो उसे भी इसी तरह आपस में बांट लिया जाता है।

इनका कहना है

हमारे पास कर्मचारियों की कमी है। पनागर में बहुत से कर्मचारी हैं जिन पर मामला दर्ज है, हमारी मजबूरी है। मुकेश पटेल को केंद्र प्रभारी बनाना। वैसे भी मुकेश पटेल पर गबन के आरोप लगे हैं। जमानत पर छूट कर आया है अभी कोई उसको सजा नहीं हुई है और वह दोषी नहीं है। ऐसे में हम उसको केंद्र प्रभारी बना सकते हैं- अब्दुल समद समिति प्रबंधक पनागर।

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