वीर बाल रैली में गूंजा साहिबजादों का शौर्य, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले - उनका बलिदान युगों तक देगा प्रेरणा

Edited By Himansh sharma, Updated: 20 Dec, 2025 05:19 PM

the bravery of the sahibzadas resonated in the veer bal rally

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा  आयोजित वीर बाल रैली में शामिल हुए।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा  आयोजित वीर बाल रैली में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस भव्य रैली में लगभग 5,000 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं, स्काउट-गाइड एवं एनसीसी कैडेट्स ने सहभागिता की। रैली में सिख परंपरा की वीरता को दर्शाती गतका जैसी साहसिक गतिविधियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं प्रेरणादायी झांकियों ने उपस्थित जनसमूह को गहरे भावनात्मक स्तर पर जोड़ा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में हम दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों — बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी — के अद्वितीय बलिदान को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल 9 वर्ष और 7 वर्ष की अल्पायु में साहिबजादों ने जिस अदम्य साहस, आस्था और बलिदान का परिचय दिया, वह मानव इतिहास में अनुकरणीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी छोटी उम्र में भी साहिबजादे किसी दबाव के आगे नहीं झुके, अपनी आस्था से विचलित नहीं हुए और धर्म एवं सत्य की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। यह बलिदान केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है। साय ने कहा कि सिख धर्म की यह गौरवशाली परंपरा हम सभी के लिए गर्व का विषय है। नई पीढ़ी को साहिबजादों के बलिदान और मूल्यों से परिचित कराना हमारा नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 से वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल अत्यंत सराहनीय है। इससे बच्चों और युवाओं में शौर्य, साहस और राष्ट्रप्रेम की भावना प्रबल हुई है।

PunjabKesariमुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम साहिबजादों के जीवन को देखते हैं, तो हमें दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दिए गए संस्कारों और शिक्षाओं पर गर्व होता है। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का मार्ग दिखाया। उनकी प्रेरक पंक्तियाँ “सवा लाख से एक लड़ाऊँ, चिड़ियन ते मैं बाज लड़ाऊँ, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहलाऊँ।” आज भी हर भारतीय के भीतर साहस और संघर्ष की चेतना जागृत करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पंक्तियाँ हमें सिखाती हैं कि साधन नहीं, साहस और संकल्प ही विजय का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भारत की धरती धन्य है, जिसने ऐसे महान गुरुओं और साहिबजादों को जन्म दिया। उन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग एवं शिक्षा विभाग को बधाई और शुभकामनाएँ दीं। 

कैबिनेट मंत्री खुशवंत साहेब ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान हमें निर्भीकता, सत्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रथम की भावना का मार्ग दिखाता है। उनका जीवन हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने साहिबजादों की शहादत के ऐतिहासिक प्रसंगों से उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया।

इस अवसर पर रायपुर उत्तर विधायक  पुरंदर मिश्रा, क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, सीजीएमएससी अध्यक्ष  दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा सहित सिख समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!