Edited By meena, Updated: 27 Sep, 2019 03:29 PM
डिंडौरी जिले में एक प्रधान अध्यापिका ने बच्चों की संख्या बढ़ाने और पढ़ाई में बच्चों की घट रही रुचि को लेकर एक अनोखी पहल की। मैडम ने सरकारी स्कूल को ही रेल की शक्ल दे डाली। इतना ही नहीं स्कूल का नाम भी गांव के नाम पर खजरी जंक्शन और कक्षाओं को अलग...
डिंडौरी: डिंडौरी जिले में एक प्रधान अध्यापिका ने बच्चों की संख्या बढ़ाने और पढ़ाई में बच्चों की घट रही रुचि को लेकर एक अनोखी पहल की। मैडम ने सरकारी स्कूल को ही रेल की शक्ल दे डाली। इतना ही नहीं स्कूल का नाम भी गांव के नाम पर खजरी जंक्शन और कक्षाओं को अलग-अलग एक्सप्रेस बना डाला। खजरी गांव आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के अमरपुर विकासखंड में पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। स्कूल में बच्चों की घट रही संख्या से यहां की प्रधान अध्यापक संतोष उइके चिंतित रहने लगी तभी उन्होंने कई साल पुराने शासकीय माध्यमिक स्कूल को एजुकेशन एक्सप्रेस के रूप में तब्दील करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने गूगल की हेल्प ली और स्कूल को ट्रेन की बोगियों, इंजन और ट्रेन के रूप में रंग मंगवाकर हूबहू पेंट करा दिया।
स्कूल नहीं एजुकेशन जंक्शन
स्कूल का पेंट इस ढंग से तैयार किया गया कि ऐसा लगता है जैसे एजुकेशन एक्सप्रेस और बोगियों को अलग-अलग कक्ष हों इनके नाम भी अलग अलग रखें हैं। इसमें भोजन कक्ष, अन्नपूर्णा कक्ष आदि अलग- अलग रखे गए। इससे बच्चों की रुचि बढ़ने लगी और उनका पढ़ाई में मन भी लग रहा है। वहीं बच्चों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। बच्चों के अभिभावक भी खुश हैं। इस स्कूल में 3 टीचर हैं।