Edited By Vikas Tiwari, Updated: 04 Jun, 2023 01:27 PM

दमोह के स्कूल में हिजाब मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि धर्म विशेष की पहचान यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकती.
खंडवा: मध्यप्रदेश के खंडवा पहुंची कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) ने दमोह के स्कूल में हिजाब मामले (Hijab Case) को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और गृहमंत्री (narottam mishra) के संज्ञान में पूरा विषय है। इसको लेकर सख्त निर्देश भी दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिजाब यूनिफॉर्म (hijab uniform) का हिस्सा नहीं हो सकता, जो हमारे स्कूल यूनिफॉर्म है वही सर्वमान्य होंगे। कोई धर्म विशेष की पहचान यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। उषा ठाकुर खंडवा जिले की प्रभारीमंत्री भी है।उन्होंने यह लाड़ली बहन योजना की हितग्राहियों को प्रमाण पत्र भी बांटे।
लाडली बहना योजना के प्रमाण पत्र बांटे
भाजपा की फायर ब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने खंडवा में लाडली बहना योजना के प्रमाण पत्र बांटे। लाडली बहन को मंत्री उषा ठाकुर ने तिलक लगाकर पुष्प माला पहनकर लाडली बहन की आरती उतारी। फिर मिठाई खिलाते हुए प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान मंत्री उषा ठाकुर ने कहा बहनों आप सभी की चिंता करने की जरूरत नहीं आप की चिंता आपका भाई प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार कर रही है। खंडवा में मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री उषा ठाकुर ने दमोह के स्कूल में हिजाब का मामले को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के संज्ञान में पूरा विषय है। इसको लेकर सख्त निर्देश भी दे दिए गए हैं। हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। मंत्री उषा ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या मध्यप्रदेश में हिजाब को लेकर कोई कानून बनाने की जरूरत है तो उन्होंने कहा जो हमारे स्कूल यूनिफॉर्म है वही सर्वमान्य होंगे। कोई धर्म विशेष की पहचान यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।

सामने आया था हिंदू लड़कियों का हिजाब वाला फोटो
बता दें कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल कर एक पोस्टर पर हिंदू लड़कियों का हिजाब वाला फोटो छापने के बाद यह विवाद सामने आया था। जिसने पहले स्थानीय स्तर पर क्लीन चिट मिल गई थी। लेकिन हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक मंच से कहा कि हम प्रदेश में इस तरह का काम नहीं होने देंगे और उन्होंने मंच से ही स्कूल पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए थे। जिसके बाद स्कूल की मान्यता भी रद्द कर दी गई।