Edited By Himansh sharma, Updated: 20 Jul, 2024 09:39 PM

ग्रामीणों के द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर बारिश के दिनों में नदी पार करना किसी जोखिम से काम नहीं है
छिंदवाड़ा। (साहुल सिंह): मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत दीघावानी के मोरून ढाना के ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए लगभग 2 किलोमीटर का सफर ढोडा कुही जाना पड़ता है, जब जाकर पीने का पानी नसीब होता है और यहां जाते समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है एक नदी पार करनी पड़ती है और कच्चे रास्ते का मार्ग है। जिसमें जहरीले कीड़ों का डर बना रहता है जब जाकर पीने का पानी मिलता है ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को की है लेकिन उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया गया है जिसका खामियाजा ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर पूरा करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में काफी परेशानी हो जाती है बार-बार नदी आ जाती है जिसके कारण पीने का पानी नसीब नहीं हो पता है और गांव में ही गड्ढा खोदकर बारिश का पानी एकत्रित किया जाता है। उस पानी को पिया जाता है जिससे संक्रमित बीमारियां होने का भी डर निरंतर बना रहता है। वहीं जब गांव की महिलाएं और बच्चे अपने सिर पर पानी की गुंडी और कुप्पी रखकर लाते हैं। इस दौरान गांव के लोग नदी में खड़े हो जाते हैं की नदी आसानी से पार कराया जा सके लेकिन उसके बावजूद भी संबंधित जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि अभी हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव के बाद एचपी विभाग ने बोर करने की बात कही थी और पॉइंट भी बना दिया था लेकिन अभी तक उनके द्वारा बोर नहीं किया गया है।
युवाओं की नहीं हो रही शादी
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव के युवाओं की अधिकांश शादी नहीं हो रही है। क्योंकि गांव में पानी की विकराल समस्या है जिसकी वजह से कोई भी अपनी लड़की देने को तैयार नहीं है और यह गांव की एक बड़ी समस्या बनती जा रही है ।
नदी पार करके लाते हैं पीने का पानी
ग्रामीणों के द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर बारिश के दिनों में नदी पार करना किसी जोखिम से काम नहीं है जान हथेली पर रखकर पीने का पानी लाने को मजबूर ग्रामीण संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाते हुए थक चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता शायद संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि किसी की मौत का इंतजार कर रहे हैं कि कोई पानी लाते समय नदी में बह जाए उसके बाद मामला संज्ञान में ले।