Edited By meena, Updated: 15 May, 2021 12:58 PM
कोरोना संकट के बीच नकली रेमडेसिवीर की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है। इसी बीच नकली रेमडेसिवीर को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रेमडेसीवीर लगवाने वाले 90 फीसदी मरीज कोरोना को मात देकर आए हैं। जी हां यह...
भोपाल: कोरोना संकट के बीच नकली रेमडेसिवीर की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है। इसी बीच नकली रेमडेसिवीर को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रेमडेसीवीर लगवाने वाले 90 फीसदी मरीज कोरोना को मात देकर आए हैं। जी हां यह हैरान कर देने वाला वाक्य मध्य प्रदेश की पुलिस जांच में सामने आया है कि गुजरात आधारित नकली रेमडेसीवीर इजेनक्शन लगाने वाले तकरीबन 90 फीसदी लोग ने खुद को फेफड़े के संक्रमण से उबार लिया है।
दरअसल, हाल ही में जबलपुर और इंदौर में नकली इंजेक्शन के रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पकड़े गए लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शनसे मरने वालों की भी पता लगाया गया। लेकिन जांच में जो तथ्य सामने आए वे सच में बेहद हैरान कर देने वाले हैं। क्योंकि नकली इंजेक्शन लेने वालों में ठीक होने की संख्या ज्यादा थी।
गौरतलब है कि गुजरात से मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में निजी अस्पताल के संचालक सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इन चार में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दूसरा आरोपी नकली रेमडेसिविर बेचने के जुड़े अन्य मामले में गुजरात पुलिस की हिरासत में है।