श्री गुरु नानक देव जी का भेष धारण करने वाली लड़की श्री अकाल तख्त तलब, मामले को लेकर MP पहुंचे थे प्रतिनिधि

Edited By meena, Updated: 21 Nov, 2024 06:50 PM

action of shri akal takht in the case of impersonating shri guru nanak dev ji

प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी का रूप धारण कर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले मामले के संबंध में श्री अकाल तख्त ...

शहडोल (कैलाश लालवानी) : प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी का रूप धारण कर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले मामले के संबंध में श्री अकाल तख्त के प्रतिनिधि शहडोल पहुंचे। जहां उन्होंने सिंधु भवन में समाज के प्रबंधकों से मीटिंग की। मीटिंग में उज्जैन से आए सिख प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मामले में जिस बच्ची ने गुरुनानक देव जी की भेषभूषा पहनकर उनका रूप धारण किया था उसे और उसके परिवार समेत सिंधि समाज की गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को श्री अकाल तख्त साहिब में तलब होने के निर्देश दिए हैं। हालांकि मामले में बच्ची और उसका परिवार गुरूद्वारा में माफी मांग चुका है। वहीं सिंधि समाज के प्रतिनिधि भी मीडिया के सामने अपने इस कृत्य के लिए माफी मांग चुके हैं।

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मामले में सिंधि पंचायत के अध्यक्ष रमेश खत्री ने माफी मांगी और बताया कि गुरुपर्व सिंधि समाज और सिख समाज 15 नवंबर को बड़े जोर-शोर और उल्लास के साथ बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ  मनाते हैं। इसी तरह शहडोल में भी सिंधि धर्मशाला में यह पर्व मनाया। सिंधि समाज ने बड़े जोश के साथ 10-12 दिन पहले प्रभात फेरी भी निकाली।

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वहीं एक दिन पहले 14 नवंबर को समाज के बच्चों ने राधा कृष्ण, शंकर भगवान का रूप धारण कर रास लीला और नृत्य किया। इसी तारतम्य में एक बच्ची ने श्री गुरूनानक देवी जी बनकर कार्यक्रम में आने की इच्छा जताई। गुरुपर्व के उत्साह उमंग और उल्लास में हमने उसे अनुमति दे दी। वह बच्ची श्री गुरुनानक देव का रूप धारण करके आई और उसे मंच पर बैठा दिया गया। निश्चित रूप में यह गलती है। हम इस गलती को स्वीकार करते हैं और पूरे सिख समाज से माफी मांगते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हम गुरु ग्रंथ साहिब की तह दिल से आदर करते हैं।

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मामले में मध्य प्रदेश सिख मिशन के इंचार्ज बलदेव सिंह ने कहा कि सिख समाज में कभी भी गुरूओं को रूप धारण नहीं किया जाता न ही उनकी मूर्ति बनाई जाती है। सिख धर्म में गुरू का शब्द ही गुरू का स्वरूप है। सिख समाज न मूर्ति की पूजा करता है न किसी मनुष्य को उनका रूप धारण करने की आज्ञा देता है। शहडोल की वायरल वीडियो को लेकर सिख समाज में बहुत आक्रोश है।

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बता दें कि श्री गुरू नानक देव के गुरू पर्व पर शहडोल में एक बच्ची ने उनका रूप धारण किया था। इसी के वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसकी जांच के आदेश जारी किए थे। शिरोमणि कमेटी कार्यालय की ओर से जारी बयान में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख धर्म में गुरु साहिबान की नकल करना सख्त मना है और इस वीडियो से सिख भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। एडवोकेट धामी ने कहा कि सिंधी समुदाय श्री गुरु नानक देव जी के प्रति बहुत श्रद्धा रखता है और उनसे जुड़े दिनों को भी मनाता है, लेकिन सिख धर्म की परंपराओं और शिष्टाचार का ध्यान रखना सभी के लिए बहुत जरूरी है। किसी को भी गुरुओं की नकल करने और नैतिकता के विरुद्ध कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

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