Edited By meena, Updated: 14 Nov, 2024 03:25 PM
श्योपुर के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद भी बवाल थमा नहीं है ...
श्योपुर (जेपी शर्मा) : श्योपुर के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद भी बवाल थमा नहीं है। बुधवार देर रात को गोहटा गांव में करीब 200 दबंगों ने दलित बस्ती में जमकर उत्पाद मचाया। इस दौरान पहले पथराव किया फिर चार कच्चे घरों, ट्रांसफार्मर और चार-पांच बिजली पोल समेत पशुओं के चारे को आग हवाले कर दिया। गांव में लगी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को भी खंडित किया गया। जिससे लोगों में नाराजगी है। कई डरे हुए ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शरण ली। स्थिति की गंभीरता के बावजूद आरोप हैं कि पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बता दें बुधवार को वोटिंग के दौरान भी जगह-जगह मारपीट और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं सामने आई थी।
विजयपुर थाना प्रभारी पप्पू सिंह यादव ने कहा कि पुलिस दल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में किया। उन्होंने कहा कि दो समूहों के बीच संघर्ष के बाद हिंसा हुई। विजयपुर में उपचुनाव के लिए बुधवार को हल्की हिंसा, विरोध और बूथ कैप्चरिंग के आरोपों के बीच मतदान हुआ। विजयपुर के वीरपुर इलाके में बुधवार को मतदान के दौरान दो समूहों के बीच वोटिंग के अधिकार से वंचित करने को लेकर हाथापाई के बाद दो से तीन लोग घायल हो गए। मतदान के दौरान, विजयपुर उपचुनाव के लिए सत्तारूढ़ और विपक्ष दोनों के उम्मीदवारों (भाजपा के रामनिवास रावत और कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा) को सुरक्षा कारणों से गेस्ट हाउस में ठहराया गया था।
बताया जा रहा है कि विवाद वोटिंग के दौरान का ही है जिसे लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया है। ऐसी हालत सिर्फ गोहटा गांव की ही नहीं बल्कि सीखेड़ा गांव में भी ऐसी ही घटना देखने को मिला है। जहां दलित आदिवासी परिवार पर कहर बरपाया जा रहा है। इस से इस पूरे क्षेत्र में आदिवासी डरे हुए हैं।
बता दें कि उपचुनाव से दो दिन पहले विजयपुर में हिंसा तब शुरू हुई जब कुछ बदमाशों ने ग्रामीणों पर गोलियां चलाईं, जिसमें तीन निवासी घायल हो गए। हिंसा की एक के बाद एक घटनाओं ने आक्रोश पैदा कर दिया और प्रभावित परिवारों के लिए न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के मुरैना लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के पार्टी और राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद जरूरी हो गया था। बाद में वे सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए और मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रिमंडल में राज्य वन मंत्री के रूप में पदोन्नत हुए। चुनाव आयुक्त के अनुसार, बुधवार को विजयपुर में 75 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान शुरू होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें शुरू हो गईं, जो अंत तक जारी रहीं। झड़पों और बूथ कैप्चरिंग के आरोपों के अलावा, भाजपा और कांग्रेस दोनों के शीर्ष नेताओं ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एक दूसरे की पार्टी पर फर्जी मतदान और बूथ स्तर पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए भोपाल में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के कार्यालय के पास धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उठाए सवाल
विजयपुर चुनाव में रामनिवास रावत के गुंडों ने संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर जी की प्रतिमा को तोड़ दिया !! दबंगई और गुंडई में रावत के गुंडों ने बाबा साहब आंबेडकर जी की प्रतिमा तोड़कर देश के प्रत्येक नागरिक, संविधान और वंचित वर्ग का अपमान किया है!! •सरकार के आगे घुटने टेक चुका प्रशासन यदि अपनी जिम्मेदारी निभाता, तो गुंडा तत्व भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा तोड़ने की हिम्मत नहीं कर पाते।