दो अस्पतालों की रस्साकशी में कोरोना पेशेंट की गई जान,अस्पताल के बाहर पटककर भाग गई एंबुलेंस

Edited By meena, Updated: 07 Jul, 2020 04:23 PM

corona was killed in a tug of two hospitals

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जहां दो अस्पतालों के बीच उलझकर एक कोरोना पेशेंट की जान चली गई। शिवराज सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलती ये कहानी बिजली कंपनी के लाइनइंस्पेक्टर 59 वर्षीय वाजिद अली की है जो...

भोपाल(इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जहां दो अस्पतालों के बीच उलझकर एक कोरोना पेशेंट की जान चली गई। शिवराज सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलती ये कहानी बिजली कंपनी के लाइनइंस्पेक्टर 59 वर्षीय वाजिद अली की है जो पीपुल्स हाईटेक हॉस्पिटल मालवीय नगर में 13 दिन पहले किडनी के इलाज के लिए भर्ती हुए थे।

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सोमवार सुबह उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो शाम को उन्हें लेने चिरायु अस्पताल से एंबुलेंस आई। तबीयत बिगड़ती लगी तो ड्राइवर उन्हें रास्ते से वापस ले आया, लेकिन पीपुल्स हॉस्पिटल ने दोबारा भर्ती करने से मना कर दिया। स्ट्रेचर भी नहीं दिया। इस पर ड्राइवर पेशेंट को पार्किंग एरिया में उन्हें जमीन पर ही पटककर चला गया। बाद में पीपुल्स हॉस्पिटल के पीपीई किट में दो कर्मचारी ऑक्सीजन लेकर आए, उन्हें स्ट्रेचर पर लेटाया। सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन तब तक उनकी सांसें टूट चुकी थीं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने का कहा है।

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जानकारी के अनुसार,  23 जून को वाजिद अली पीपुल्स हाईटेक हॉस्पिटल में किडनी के इलाज में भर्ती हुए थे। 4 जुलाई को उनके सैंपल कोरोना जांच के लिए जेपी अस्पताल भेजे गए, लेकिन यहां देरी होने के चलते मना कर दिया गया। इसके बाद 5 जुलाई की सुबह सैंपल बंसल हॉस्पिटल भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट 6 जुलाई की सुबह 9.30 बजे आई। इसमें मरीज को कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद शाम 6:25 बजे चिरायु की एम्बुलेंस मरीज को लेकर रवाना हो गई। 6:35 बजे ड्राइवर ने फोन किया कि मरीज को वापस ला रहा है क्योंकि उसकी तबीयत बिगड़ रही है।

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इस दौरान 7 बजे एम्बुलेंस अस्पताल पहुंचीं, लेकिन पीपुल्स अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं किया। हद तो तब हो गई जब सात बजकर पच्चीस मिनट में ड्राइवर मरीज को पार्किंग एरिया में पटककर चला गया। इसकी खबर जैसै ही अस्पताल के स्टाफ को लगी तो वहां सात बजकर पैंतालीस मिनट में मरीज के पास आया और उसे सीपीआर देने की कोशिस की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल की लापरवाही के चलते उसकी जान जा चुकी थी 

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इस मामले को लेकर पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और CM शिवराज से की मांग.करते हुए कहा कि जो भी दोषी है उस पर कार्रवाई होना चाहिए।

 

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