Edited By meena, Updated: 24 May, 2023 02:07 PM
हाईकोर्ट में पटीशन रद्द होने के बाद आज से बालाघाट (Balaghat) में पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 2 दिवसीय वनवासी राम कथा आज से आरंभ हो गई।
जबलपुर: हाईकोर्ट (Highcourt) में पटीशन रद्द होने के बाद आज से बालाघाट (Balaghat) में पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Direndra Krishna Shastri) 2 दिवसीय वनवासी राम कथा आज से आरंभ हो गई। हाईकोर्ट में पं धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ पहुंचे वकील और जज की बहस का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। इस दौरान जज ने वकील को जमकर खरी खोटी सुनाई और कहा कि अगर तमीज से बात नहीं करोंगे तो सीधे जेल भेज दूंगा। वहीं दूसरी ओर कथा का विरोध करने वालों के खिलाफ पं धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनकी ठठरी बन जाए।
देखिए वीडियो...
दरअसल, बालाघाट जिले के परसवाड़ा स्थित ग्राम भादूकोटा में बागेश्वर धाम सरकार की वनवासी राम की कथा का आयोजन किया गया था। इसका आदिवासी समाज ने विरोध किया था और हाईकोर्ट में पटीशन दायर की थी कि जो जगह रामकथा के लिए चयनित है वहां आदिवासी समाज का धार्मिक स्थल है और वहां रामकथा होने से आदिवासी समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होगी। इस पर समाज की ओर से गए वकील और हाईकोर्ट के जज की जमकर बहस हो गई। जहां जज ने वकील को तमीज से बात करने की सलाह दी और पटीशन खारिज कर दी। इसके बाद आज कथा का आयोजन किया गया है।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की 2 दिवसीय वनवासी राम कथा सुनने के लिए लाखों की संख्या में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सीताराम कहकर संबोधित किया और सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए रामकथा के संदर्भ में विस्तृत अपना व्याख्यान दिया।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने हाईकोर्ट की टिप्पणी पर कहा कि धन्य है हाईकोर्ट के जज साहब, जिन्होंने हाईकोर्ट आने वाले को चुप करा दिया। जिन्होंने विरोध किया उनकी ठठरी बन जाए। उन्होंने कहा कि वे कह रहे कि बागेश्वर धाम के आने से संस्कार बिगड़ जाएंगे। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या रामकथा से संस्कार बिगड़ता है या बनता है। क्या मिशनरी के आने से संस्कार बिगड़ते हैं या बनते है। तो आप बताएं वह किसके साथी हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि दारू की खुशबू 4 से 6 दिन और इत्र की खुशबू 20 से 25 दिन के लिए होती है। आशय अस्थायी खुशबू है, लेकिन चरित्र की खुशबू जिंदगी भर टिकती है, इसलिए चरित्र को बनाएं।