शहीद की अंतिम विदाई: इकलौते पुत्र की शहादत पर पिता को गर्व, 5 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

Edited By meena, Updated: 06 Dec, 2021 05:18 PM

last funeral procession of martyr banwari lal rathore in agar malwa

मणिपुर में बर्फ हटाने के दौरान हादसे में शहीद हुए वीर जवान बनवारीलाल का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके गृहगांव पहुंचा। जहां शहीद पर फूलों की बारिश कर जगह जगह स्वागत किया गया। बनवारीलाल राठौर गांव दीवान खेड़ी के पूर्व सरपंच रामदयाल राठौर के इकलौते पुत्र...

आगर मालवा(फहीम/जाफर): मणिपुर में बर्फ हटाने के दौरान हादसे में शहीद हुए वीर जवान बनवारीलाल का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके गृहगांव पहुंचा। जहां शहीद पर फूलों की बारिश कर जगह जगह स्वागत किया गया। बनवारीलाल राठौर गांव दीवान खेड़ी के पूर्व सरपंच रामदयाल राठौर के इकलौते पुत्र थे। इसकी शहीद होने की सूचना के बाद परिवार में शोक था। इकलौते पुत्र की शहादत पर पिता को मलाल भी है लेकिन साथ ही साथ फ्रक भी है कि उनका बेटा देश के काम आया।

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बनवारी लाल की 3 मार्च 2013 को सुनीता राठौर से शादी हुई थी। इनके दो बच्चे हर्ष (5) और बेटा जिगर जिसकी उम्र महज 8 माह है। बनवारीलाल वर्ष 2010 में इंडियन आर्मी में भर्ती हुए थे तभी से वे देश की सेवा कर रहे थे। शहीद बनवारीलाल मणिपुर में पहाड़ी पर जमी बर्फ को जेसीबी से हटा रहे थे। इसी दौरान जेसीबी का संतुलन बिगड़ जाने से यह हादसा हो गया।

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पत्नी ने बताया कि शहीद बनवारी लाल से कुछ दिनों पहले आखिरी बार मोबाइल पर बात हुई थी तब उन्होंने अपना और परिवार का ध्यान रखने की बात बोली थी जिसके माइने मुझे आज समझ में आए।

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शहीद की अंतिम शव यात्रा में रास्ते भर पुष्पवर्षा की गई और नारे लगाएं गए कि जब तक सूरज चांद रहेगा माटी के लाल बनवारी तेरा नाम रहेगा। बनवारीलाल के पार्थिव शरीर का राजकिय सम्मान के साथ बड़े बेटे हर्ष ने पार्थिव शरीर को अग्नि दी। अंतिम यात्रा के दौरान जिला प्रशासन के साथ सुसनेर विधायक राणा विक्रमसिंह पूरे समय मौजूद रहे।

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