Edited By meena, Updated: 19 Dec, 2025 07:08 PM

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया...
भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया। उन्होंने साफ कहा कि लाड़ली बहनों की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और भविष्य में उन्हें हर महीने 5 हजार रुपए तक देने की दिशा में काम किया जाएगा।
हम 5 हजार देने को तैयार हैं – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि लाड़ली बहना योजना को लेकर बार-बार तीन हजार रुपए की बात की जा रही है, जबकि सरकार इससे कहीं आगे की सोच रखती है। उन्होंने याद दिलाया कि जून 2023 में योजना की शुरुआत हुई थी और चुनाव के दौरान विपक्ष दावा कर रहा था कि यह योजना बंद हो जाएगी। लेकिन सरकार ने न केवल योजना जारी रखी, बल्कि लगातार इसकी राशि भी बढ़ाई।
2028 तक 5 हजार रुपए देने का लक्ष्य
सीएम ने बताया कि पहले लाड़ली बहनों को 1000 रुपए दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर 1250 और अब 1500 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि साल 2028 तक लाड़ली बहनों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएं। साथ ही उन्होंने विपक्ष से नारी सशक्तिकरण को लेकर सुझाव भी मांगे, ताकि बहनों की जिंदगी को और बेहतर बनाया जा सके।
कामकाजी महिलाओं के लिए और ज्यादा सहायता की सोच
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो महिलाएं काम करने आगे आ रही हैं, उन्हें 10 हजार से 15 हजार रुपए तक की आमदनी के अवसर मिलें, इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। उनका कहना था कि सरकार केवल सहायता राशि तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रही है।
सोशल मीडिया पर साझा किया वीडियो
सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस बयान से जुड़ा वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी साझा किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि विपक्ष कहता था लाड़ली बहना योजना बंद हो जाएगी, लेकिन सच्चाई यह है कि बहनों को लगातार राशि मिल रही है और आगे भी यह राशि बढ़ती जाएगी।
32वीं किस्त का इंतजार
गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना की 32वीं किस्त जनवरी माह की 10 तारीख तक जारी की जा सकती है, जिससे लाखों बहनों को सीधे आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है।