Edited By meena, Updated: 03 Aug, 2022 01:16 PM
जानवरों को बचाने और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयोग किये जाते हैं। व ऐसा ही एक प्रयोग जंगल से मिले तेंदुए के बच्चों के साथ ही किया जा रहा है, जिन्हें स्वस्थ रखने और उनके विकास में मदद पहुंचाने के लिए उन्हें मादा श्वान(Bitch) का दूध...
इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर जू जानवरों को बचाने और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयोग किये जाते हैं। व ऐसा ही एक प्रयोग जंगल से मिले तेंदुए के बच्चों के साथ ही किया जा रहा है, जिन्हें स्वस्थ रखने और उनके विकास में मदद पहुंचाने के लिए उन्हें मादा श्वान(Bitch) का दूध पिलाया जा रहा है। ये कोई पहला मौका नहीं है इससे पहले भी ज़ू में मौजूद लकी नामक टाइगर की मां के मर जाने के वक़्त भी ज़ू प्रबंधन ने ऐसे ही उसकी जान बचाई थी।
दरअसल, इंदौर के कमला नेहरू जू में दो नन्हें मेहमान आए हैं। तेंदुए के दो शावकों की अठखेलियों से जू में रौनक आ गई है। दोनों शावकों को धार के पास ताना गांव से रेस्क्यू किया गया है। दोनों 15 दिन से अधिक के हो गए हैं। जिन्हें दो माह के लिए नियो केयर यूनिट में ही रखा जाएगा।
इसके बाद फॉस्टर केयर में शिफ्ट किया जाएगा। वही इन दोनों ही शावकों को 2 से 3 माह तक मादा श्वान का दूध ही पिलाया जाएगा। 3 माह बाद नरम मीट और कीमा खिलाना शुरू किया जाएगा। इस दौरान उन्हें चिड़ियाघर में ही जंगल का माहौल देने के साथ ही शिकार करना सिखाया जाएगा।