Edited By meena, Updated: 03 Sep, 2025 08:57 PM

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में अफसरों की लापरवाही का एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है...
भोपाल : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में अफसरों की लापरवाही का एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां रेप पीड़िता को आरोपी के घर में भेज दिया गया। मामले ने तब तूल पकड़ी जब पीड़िता के साथ दरिंदे ने दोबारा हैवानियत कर डाली। मामले में छतरपुर जिले की जुझारनगर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए बाल विकास अधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, समिति के 5 सदस्य, वन स्टॉप सेंटर के 3 कर्मचारी और एक अन्य महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि, अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
नाबालिग से बलात्कार के मामले में बाल कल्याण समिति ने बेहद लापरवाही पूर्वक रेप पीड़िता को आरोपी के ही घर भेज दिया था। नियमों को ताक पर रखकर लिए गए इस फैसले की वजह से नाबालिग दोबारा बलात्कार का शिकार हो गई थी। जानकारी लगते ही मामले में लीपापोती करते हुए पन्ना पुलिस ने आनन-फानन में आरोपी के खिलाफ कोतवाली पन्ना में दोबारा अपराध कायम कर दिया और डायरी जुझारनगर थाना को भेज दी। जांच के बाद छतरपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेज दिया और बाल कल्याण समिति सहित गैर-जिम्मेदारों पर मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला
16 जनवरी 2025 पन्ना जिले के एक गांव में रहने वाली 15 साल की नाबालिग घर से स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी। परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज किया और नाबालिग को 17 फरवरी 2025 को गुरुग्राम, हरियाणा से बरामद किया। पता चला कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर लड़की को गुड़गांव ले जाकर दुष्कर्म किया था। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा और नाबालिग को वन स्टॉप सेंटर पन्ना में रखा गया। लेकिन जांच के बिना ही बाल कल्याण समिति ने लड़की को आरोपी की रिश्तेदार के हवाले कर दिया। इसी दौरान आरोपी को जमानत मिल गई और उसने दोबारा बालिका से दुष्कर्म किया।
परिजनों ने कलेक्ट्रेट से लगाई गुहार
वहीं दूसरी ओर नाबालिग के परेशान परिजनों ने बेटी को लेकर कलेक्ट्रेट पन्ना में जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई। कलेक्टर ने शिकायत को संज्ञान में लेकर बाल कल्याण समिति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए। इस पर बाल कल्याण समिति ने खुद को बचाने के लिए नाबालिग को 29 अप्रैल 2025 को दोबारा वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया। लेकिन वन स्टॉप सेंटर की काउंसलिंग में नाबालिग ने जो खुलासा किया वो बेहद चौकाने वाला था। नाबालिग के मुताबिक उसके साथ कई बार रेप हुआ।
मामले को गंभीरता से लेते हुए छतरपुर एसपी अगम जैन ने मामले की जांच एडिशनल एसपी विनीता डागर की निगरानी में एसडीओपी लवकुशनगर और थाना प्रभारी जुझारनगर को सौंपी। पुलिस ने जांच में पाया कि बाल कल्याण समिति के गलत निर्णय से ही नाबालिग दोबारा रेप का शिकार हो गई। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि अधिकारी ने मामले को दबाने की कोशिश की और वन स्टॉप सेंटर के टीम की भी इसमें मिली भुगत थी।
इन अफसरों पर गिरी गाज
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भानुप्रताप जड़िया पिता मनीराम जड़िया निवासी किशोरगंज पन्ना
सदस्य अंजली भदौरिया पति योगेंद्र भदौरिया निवासी सिविल लाइन पन्ना
आशीष बोस पिता एनएन बोस निवासी सिविल लाइन पन्ना
सुदीप श्रीवास्तव पिता सरमन लाल श्रीवास्तव निवासी किशोरगंज पन्ना
प्रमोद कुमार सिंह पिता मोहन सिंह निवासी ललार जिला पन्ना
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक कविता पांडे और काउंसलर प्रियंका सिंह
केस वर्कर शिवानी शर्मा
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह
एक अन्य महिला अंजली कुशवाहा सभी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।