कोर्ट से गैंगरेप की फाइल ही चुरा ले गए गैंगरेप के आरोपी ! अजीब मामले को देख जज भी हैरान

Edited By meena, Updated: 26 May, 2022 06:27 PM

the gangrape accused stole the gang rape file from the court

सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के गैंगरेप की कोर्ट फाइल को गैंगरेप करने वाले आरोपी ही चुरा लेते हैं जिसका खुलासा हाईकोर्ट की एक फाइल में छोड़े सबूतों से होता है जिसके बाद पीड़िता द्वारा अपने वकील के माध्यम से चीफ जस्टिस ऑफ मध्यप्रदेश सहित इंदौर उच्च न्यायलय...

इंदौर(सचिन बहरानी): आपने सुना होगा कि चोर सूने मकानों से सोने चांदी के जेवर या अन्य सामान चुरा लेते हैं लेकिन इंदौर के जिला कोर्ट में एक सनसनीखेज चोरी की घटना का खुलासा हुआ है जिसमें सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के गैंगरेप की कोर्ट फाइल को गैंगरेप करने वाले आरोपी ही चुरा लेते हैं जिसका खुलासा हाईकोर्ट की एक फाइल में छोड़े सबूतों से होता है जिसके बाद पीड़िता द्वारा अपने वकील के माध्यम से चीफ जस्टिस ऑफ मध्यप्रदेश सहित इंदौर उच्च न्यायलय से आरोपी के खिलाफ सख्त सजा को लेकर गुहार लगाई जा रही है।

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दरअसल, पूरा मामला इंदौर जिला न्यायलय का है जिसमें सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी हरपाल सिंह उर्फ मोनू भाटिया अभिमन्यु तिवारी, सुग्रीव विश्नोई इंदजीत सिंह द्वारा दुष्कर्म पीडिता की कोर्ट की फाइल चुरा ली जाती है। साथ ही तीन अलग अलग जजों की ऑडर सीट भी जिला न्यायलय इंदौर से चुरा लेते हैं और उसी के तहत इंदौर उच्च न्यायलय में याचिका में उनका इस्तेमाल करते हैं। पीड़िता के वकील एडवोकेट कृष्णकांत कुनहरे ने बताया कि सिमरन फिसरिस के मालिक हरपाल सिंह उर्फ मोनू भाटिया, अभिमन्यु तिवारी, सुग्रीव विश्नोई और इंदजीत सिंह के ऊपर पीड़िता के साथ गैंगरेप किया था जिसकी शिकायत पीड़िता द्वारा ग्वालटोली थाने पर दर्ज कराई थी जिस पर छोटी ग्वालटोली में दर्ज करके जिला न्यायलय में केस चल रहा है।

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एडवोकेट कुनहरे की माने तो उन्होंने बताया कि आरोपी के सिमरन फिसिरिस में पीड़िता का पति खंडवा में एकाउंटेट था और उसे एकाउंटेट संभालते समय पता चला कि सिमरन फिसरिस कंपनी मछली बीजों को लेकर सरकार को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि कर रहे हैं और उसके पास पूरे ही मामले को लेजर रखा हुआ है जिसकी भनक पड़ते ही आरोपियों ने पीड़िता के पति को झूठे गबन केस लगा दिया। साथ ही पत्नी के पास सबूत स्वरूप लेजर पत्नी के पास है जिसके चलते आरोपी पीड़िता को खंडवा से इंदौर लाकर होटल सिमरन में गैंगरेप किया गया जिसका एफआईआर पीड़िता द्वारा छोटी ग्वालटोली में दर्ज है और न्यायलय में प्रकरण चल रहा है। साथ ही पीड़िता ने जिला न्यायलय में एक परिवाद भी दायर की गई थी जिसपर न्यायलय ने गैंगरेप के अलावा आरोपियों पर पृथक से सबूत मिटाने की धारा, शासन को चूना लगाने की धारा के आदेश दिए थे, जिसपर आरोपियों ने धारा बढ़ाने वाले केस को चुनौती देते हुए उच्च न्यायलय इंदौर खण्ड पीठ में याचिका लगाई थी जिसमें आरोपियों ने पीड़िता के गैंगरेप के केस की फाइल धोखे से चुरा कर अप्रमाणित रूप में उच्च न्यायलय में पेश कर दी।

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साथ ही जिला न्यायलय के तीन जजों की ऑडर सीट की कापी भी याचिका में लगा दी जिसका पता पीड़िता को याचिका लगाने के बाद कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद हुआ जिसके बाद पीड़िता द्वारा चीफ जस्टिस मध्यप्रदेश, उच्च न्यायलय इंदौर व जिला जज इंदौर को शिकायत की गई। इसके बाद जिला जज ने सेशन जज को जांच अधिकारी बनाया जिस पर गोपनीय जांच में माना कि जिससे यह दर्शित होता है कि आरोपियों द्वारा बिना सत्य प्रतिलिपि के आवेदन न देते हुए सीधे सीधे फोटो कॉपी में दस्तावेज चुराए और उच्च न्यायलय के प्रकरण में लगाए हैं। एडवोकेट कुनहरे ने बताया कि आरोपियों ने न्यायलय के साथ भी धोखाधड़ी की है। गैंगरेप की फाइल चुराना, अप्रमाणित रूप में हाईकोर्ट की फाइल में पेश किया जाता है जिसमें दस वर्ष तक कि सजा और जुर्माने का प्रावधान है। फिलहाल पीड़िता द्वारा एडवोकेट कृष्णकुमार कुनहरे के माध्यम से चीफ जस्टिस मध्यप्रदेश, इंदौर उच्च न्यायलय व जिला जज को संज्ञान लेने के लिए अपील की है। हालांकि देखने वाली बात होगी कि पूरे मामले को लेकर किस तरह की कार्यवाही की जाती है।

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