3 लाख का बिल भरने की बजाय 10 रुपये में ठीक हो गया शख्स! कोरोना मरीज की कहानी उसी की जुबानी

Edited By meena, Updated: 03 May, 2021 03:59 PM

the story of corona warrior was spoken by him

मध्य प्रदेश में एक तरफ कोरोना संक्रमण ने अपना भीषण रुप धारण किया है तो दूसरी तरफ कुछ लोग आपदा में अवसर की तलाश में रहते हैं। कुछ लोग तो हजारों लाखों रुपए खर्च कर भी अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। लेकिन भोपाल का एक शख्स जिसके पास इलाज कराने के लिए...

भोपाल(इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश में एक तरफ कोरोना संक्रमण ने अपना भीषण रुप धारण किया है तो दूसरी तरफ कुछ लोग आपदा में अवसर की तलाश में रहते हैं। कुछ लोग तो हजारों लाखों रुपए खर्च कर भी अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। लेकिन भोपाल का एक शख्स जिसके पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन महज 10 रुपए खर्च कर वह आज अपने परिवार के बीच स्वस्थ होकर बैठा है। जानिए कोरोना मरीज की दिलचस्प कहानी उसी की जुबानी। जो उसने कोरोना से जंग जीतने के बाद शेयर की है।

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दोस्तों में अपनी covid-19 बीमारी के बारे मे आपसे कुछ बातें शेयर करना चाहता हूं। मुझे 6 अप्रैल से बुखार आ रहा था। डॉक्टर से दवा लिखवा कर घर पर ही खा रहा था मगर इस बीमारी का संक्रमण इतना तेज था कि धीरे धीरे मेरे बच्चे(4 वर्ष)को भी बुखार आने लगा।पहली बार हमीदिया में मैंने और मेरे बच्चे ने RAT टेस्ट करवाया जिसमें मेरा बेटा पोसिटिव निकला और मैं नेगेटिव निकला। बच्चे की 7 दिन की दवा लिखकर घर पर ही क्वारेन्टीन रहने को बोला।धीरे धीरे घर मे सभी को बुखार आने लगा। दुबारा JP अस्पताल में मैंने, बहन और पत्नि ने RAT टेस्ट करवाया तोह मैं, मेरी बहन कोविड पॉजिटिव और पत्नि नेगेटिव निकले।छोटा भाई भी पॉजिटिव था। और दूसरे 1 वर्ष के बेटे को भी बुखार आ गया। अब केवल पत्नि को छोड़कर हम घर के पांच सदस्य बीमार थे। छोटे बच्चे 1 वर्ष को डॉक्टर मालिक DIG बंगला करोंद के यहां दिखाया तोह 2 दिन 4 एंटीबायोटिक इंजेक्शन सुबह,शाम और बाकी दवा से ठीक हो गया।पर 6 दिन बाद भी मेरा बुखार कम नही हो रहा मुंह का स्वाद चला गया सूंघने की शक्ति कम हो गयी,पेट दर्द,दस्त से बेहाल हो गया।मेरी कंडीशन खराब होने लगी सांस फूलने लगी और छाती में दर्द होने लगा कुछ समझ नही आ रहा था क्या करें तभी हमारे AE साब ने Chest CT स्कैन करवाने का बोला मैं तुरंत भाई और बहन को लेकर चिरायु हॉस्पिटल बैरागढ़ गया तीनों का CHEST सीटी स्कैन हो गया। 12 अप्रैल को CT स्कैन हुआ और 13 अप्रैल को रिपोर्ट मिली जिसमें भाई, बहन को माइल्ड इंफेक्शन बताया और मुझे 50 प्रतिशत चेस्ट इंफेक्शन और CT स्कोर 13/25 आया।चिरायु हॉस्पिटल वालोँ ने बोला आपको भर्ती होंना पड़ेगा मैंने पूछा कितना खर्चा आएगा तोह डॉक्टर बोला कम से कम 3 लाख खर्चा आएगा।मेरे पास इतने पैसे नही थे और घर वापिस जाने लगा तोह खांसने पर कफ के साथ खून भी आने लगा लगा मेरा अंतिम समय आ गया पर हिम्मत करके तुरंत हमीदिया अस्पताल पहुंच कर 10 ₹ की पर्ची कटवा कर कोविड वार्ड में भर्ती हो गया। मेरी हालत देखकर मेरे बाजू वाले एक अंकल अपना बेड छोड़कर दूर भाग गये और अपना बेड बदल लिया। तुरंत नर्स ने ऑक्सीजन लगा कर ब्लड टेस्ट के लिये खून निकाला और बाकी जरूरी जांच करने लगी।मैंने अपनी बहन और भाई को भी हमीदिया में एडमिट होने के लिये बुला लिया में और मेरी बहन एक ही वार्ड में थे तोह एक दूसरे को सपोर्ट रहा। भाई को कैंसर हॉस्पिटल के क्वारेन्टीन सेंटर में भेज दिया।घर पर पत्नी दोनों बच्चों के साथ अकेली थी बच्चों की दवाई,दूध ,सब्जी,फल लाने वाला कोई नही था पड़ोसी भी घर चले गये थे।पर एक मोहल्ले की ऑन्टी और उनके परिवार वालों ने बहुत मदद की। 3,4 दिन हो गये मुझे 6 remdesivir इंजेक्शन लगने थे पर हमीदिया अस्पताल से 850 इंजेक्शन चोरी हो जाने की वजह देरी हो गई ।कुछ दिन बाद remdesivir इंजेक्शन उपलब्ध हो गये। पहले दिन 2 इंजेक्शन लगे फिर रोज एक इंजेक्शन लगने लगा।इसी बीच भाई और बहन ठीक हो गये तोह उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।हमीदिया अस्पताल में बढ़िया इलाज चला सुबह सुबह नाश्ते में अंडा,दूध,फल(प्रतिदिन),दलिया, पोहा,उपमा,वेज कटलेट्स, सैंडविच(अलग अलग दिन) दोनों टाइम खाने का पैकेट, बिसलेरी की पानी की बोतल ये सभी मुफ्त में मरीजों के लिए उपलब्ध कराया। नर्से डॉक्टर और सभी स्टाफ बहुत अच्छे थे। बहुत सेवा करते थे मरीजों की।

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बाहर जो remdesivir इंजेक्शन बहुत से मरीजों को मिल नही रहे थे यहां सभी मरीज जिनको उनकी आवश्यकता थी बिना किसी भेदभाव के लग रहे थे। अब मेरी हालत में सुधार होने लगा था । एक वृद्ध सीरियस मरीज आ रहे थे तो मैं अपना ऑक्सीजन बेड उनके लिये खाली करके नॉर्मल बेड पर आ गया। पर वह इस जानलेवा वायरस के शिकार होकर 2 दिन में स्वर्ग सिधार गए।बहुत दुख हुआ। अब मैं अच्छा महसूस करने लगा था बुखार भी कम हो गया था सूंघने की शक्ति, स्वाद भी वापिस आ गया था बस थोड़ी सांस लेने की समस्या थी। डॉक्टर ने चेक करने के बाद 5 दिन की दवा देकर 27 अप्रैल को मुझे डिस्चार्ज कर दिया।और मैं स्वयं अपनी बाइक से घर आ गया। और एहतियात के तौर पर परिवार से अलग कमरे में रह रहा हूं। काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं। और शीघ्र ही अपने काम पर लौटूंगा। अब मेरे परिवार के सभी लोग अब स्वस्थ हैं। मैं हमीदिया अस्पताल प्रबंधन के सभी लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूं जो मानवता की सेवा में जी जान से लगे हुये हैं। मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूं कि कोरोना से हराने के लिए केवल दृढ़ इच्छाशक्ति चाहिए। इसलिये कोरोना से घबरायें नहीं। मास्क,हैंड वाश,सेनेटाइजर का प्रयोग करें।सोशल डिस्टेंस रखें। और घर के अंदर भी मास्क पहनने का वक़्त आ गया है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है अतः अपना और अपने परिजनों के स्वास्थ्य का बहुत अच्छे से ध्यान रखें। आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करें। पूर्णतः स्वस्थ हो जाने के बाद में जरूर अपना प्लाज्मा डोनेट करूंगा ईश्वर का बहुत बहुत धन्यवाद जो इस जानलेवा बीमारी से मेरी और मेरे परिवार की रक्षा की।

 

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